Home » पलामू में 108 एंबुलेंस कर्मियों का फूटा गुस्सा, जॉइनिंग प्रक्रिया का विरोध, 22 को रांची में प्रदर्शन

पलामू में 108 एंबुलेंस कर्मियों का फूटा गुस्सा, जॉइनिंग प्रक्रिया का विरोध, 22 को रांची में प्रदर्शन

Jharkhand ambulance joining issue : कर्मचारियों का कहना है कि कंपनी की ओर से दस्तावेज सत्यापन के नाम पर जो शर्तें थोपी जा रही हैं, वे पूरी तरह से कर्मचारी विरोधी हैं। कई दस्तावेज धमकी भरे हैं, जिससे उनकी परेशानियां और बढ़ जाएंगी...

by Anand Mishra
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Follow Now

Palamu (Jharkhand) : झारखंड के पलामू जिले में 108 एंबुलेंस कर्मचारियों की जॉइनिंग को लेकर उस वक्त हंगामा खड़ा हो गया, जब कर्मियों ने दस्तावेज सत्यापन प्रक्रिया का जमकर विरोध किया। सिविल सर्जन कार्यालय में रविवार को सम्मान फाउंडेशन रांची द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि कंपनी कर्मचारी विरोधी रवैया अपना रही है और मनमाने तरीके से वेरिफिकेशन कर रही है। इसके विरोध में कर्मचारियों ने आगामी 22 जुलाई को रांची में प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है।

कंपनी पर मनमानी का आरोप, कर्मियों में नाराजगी

कर्मचारियों का कहना है कि कंपनी द्वारा दस्तावेज सत्यापन के नाम पर जो शर्तें थोपी जा रही हैं, वे पूरी तरह से कर्मचारी विरोधी हैं। उन्होंने बताया कि कई दस्तावेज धमकी भरे हैं, जिससे उनकी परेशानियां और बढ़ जाएंगी। कर्मचारियों ने नाराजगी जताते हुए कहा कि उन्हें पर्व-त्योहारों में छुट्टी न लेने और हड़ताल आदि न करने की चेतावनी दी गई है। इन परिस्थितियों के चलते सभी कर्मचारियों ने एकजुट होकर दस्तावेज सत्यापन कार्य का विरोध करने और आंदोलन का रास्ता अपनाने का फैसला किया है।

Read also : पाकुड़ में जाली नोट छापने वाले गिरोह का पर्दाफाश, तीन गिरफ्तार

समझौते के बावजूद शर्तों का उल्लंघन

गौरतलब है कि इससे पहले 26 जून 2025 को संस्था और कर्मचारी संघ के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक हुई थी। इस बैठक में कुल नौ बिंदुओं पर आपसी सहमति बनी थी, लेकिन कर्मचारियों का आरोप है कि संस्था की ओर से उस समझौते के किसी भी बिंदु को अभी तक लागू नहीं किया गया है। बैठक में संस्था ने कर्मचारियों को पीएफ (प्राविडेंट फंड), ईएसआईसी और लेबर एक्ट के तहत औपचारिक रूप से नियुक्ति पत्र देने की बात कही थी। यह भी तय हुआ था कि सिविल सर्जन की अध्यक्षता में सभी दस्तावेजों का विधिवत सत्यापन किया जाएगा।

जबरन हस्ताक्षर कराने का आरोप, पीएफ-ईएसआईसी पर चुप्पी

कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि इसके विपरीत, संस्था की ओर से कर्मचारियों से लेबर एक्ट के विरुद्ध तैयार किए गए नियुक्ति पत्र पर जबरन हस्ताक्षर करवाए जा रहे हैं। इसके अलावा, पीएफ और ईएसआईसी से संबंधित कोई भी आवश्यक फॉर्म या प्रक्रिया भी पूरी नहीं की जा रही है। संघ के प्रदेश अध्यक्ष नीरज तिवारी और अन्य कर्मचारियों ने मौके पर पहुंचकर इसका पुरजोर विरोध किया, लेकिन आरोप है कि संस्था के प्रतिनिधियों ने स्थानीय थाने और पुलिस कार्रवाई की धमकी देते हुए उन्हें डराने-धमकाने का प्रयास किया। कर्मचारियों ने यह भी आरोप लगाया कि संस्था झारखंड सरकार और श्रम कानूनों का खुल्लम-खुल्ला उल्लंघन करते हुए उन्हें नौकरी से हटाने की धमकी दे रही है और जबरन दस्तावेज सत्यापन के लिए दबाव बना रही है।

22 को रांची में धरना, 28 से राज्यव्यापी हड़ताल की चेतावनी

कर्मचारी संघ ने संस्था के इस रवैये के खिलाफ कड़ा रुख अख्तियार किया है। संघ की ओर से 22 जुलाई को रांची में सम्मान फाउंडेशन के कार्यालय के समक्ष एक दिवसीय धरना प्रदर्शन का आह्वान किया गया है। इसके साथ ही, यदि उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो 28 जुलाई से पूरे राज्य में संपूर्ण हड़ताल करने की भी घोषणा की गई है। बता दें कि अकेले पलामू जिले में 100 से अधिक एंबुलेंस चालक कार्यरत हैं।

कंपनी का स्पष्टीकरण

उधर, मामले पर सफाई देते हुए कंपनी के एचआर मैनेजर संजय कुमार ने शाम चार बजे बताया कि फॉर्म भरते समय कर्मचारियों द्वारा जो भी दस्तावेज लगाए गए थे, उनका केवल वेरिफिकेशन किया जा रहा है।

Read also : लातेहार यौन शोषण मामले : BJP का हेमंत सरकार पर हमला, कहा-ठीक से काम नहीं कर रहे पॉक्सो कोर्ट

Related Articles

Leave a Comment