- धनबाद में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की टीम ने रिश्वत लेते रंगे हाथों किया था गिरफ्तार, बोकारो रेंज के डीआईजी ने त्वरित व सख्त कार्रवाई करते हुए जारी किया बर्खास्तगी का आदेश…
Palamu (Jharkhand) : पलामू के नक्सल प्रभावित इलाके में तैनात 2018 बैच के एक सब इंस्पेक्टर को भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों के चलते सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। इस पुलिस अधिकारी को धनबाद में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की टीम ने रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। बोकारो रेंज के डीआईजी ने इस मामले में त्वरित और सख्त कार्रवाई करते हुए बर्खास्तगी का आदेश जारी किया है, जो भ्रष्टाचार के खिलाफ विभाग की जीरो टॉलरेंस नीति को दर्शाता है।
मुकदमे की डायरी लिखने के लिए मांगी थी मोटी रकम
मिली जानकारी के अनुसार, बर्खास्त किए गए सब इंस्पेक्टर पर आरोप है कि उन्होंने वर्ष 2022 में धनबाद में एक मुकदमे से संबंधित डायरी लिखने के एवज में रिश्वत के तौर पर 50 हजार रुपये की मांग की थी। इस भ्रष्ट आचरण से परेशान होकर संबंधित पक्ष ने एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत की पुष्टि के बाद, ACB की टीम ने जाल बिछाकर आरोपी सब इंस्पेक्टर को 15 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया था।
गिरफ्तारी, जेल और निलंबन के बाद भी तैनाती!
रिश्वतखोरी के संगीन आरोप में गिरफ्तारी के बाद, सब इंस्पेक्टर को तत्काल न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था और उनके खिलाफ विभागीय निलंबन की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई थी। हालांकि, कुछ समय बाद उनका निलंबन समाप्त कर दिया गया और उन्हें पलामू के संवेदनशील नक्सल प्रभावित क्षेत्र में स्थानांतरित कर दिया गया था। लेकिन, इस दौरान उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले की जांच जारी रही।
पलामू एसपी ने की बर्खास्तगी की पुष्टि
पलामू की पुलिस अधीक्षक (एसपी) रीष्मा रमेशन ने इस बर्खास्तगी की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि बोकारो रेंज के डीआईजी के आदेश के अनुपालन में पलामू पुलिस को बर्खास्तगी का आधिकारिक आदेश प्राप्त हो गया है। संबंधित सब इंस्पेक्टर को इस निर्णय से अवगत करा दिया गया है। माना जा रहा है कि यह कठोर कार्रवाई झारखंड पुलिस विभाग की भ्रष्टाचार के खिलाफ दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाती है। विभाग यह स्पष्ट संदेश देना चाहता है कि भ्रष्टाचार में लिप्त किसी भी अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह किसी भी पद पर हो या किसी भी संवेदनशील क्षेत्र में तैनात हो। यह घटना अन्य भ्रष्ट अधिकारियों के लिए भी एक सबक है कि कानून के हाथ लंबे होते हैं और अंततः उन्हें उनके कर्मों का फल भुगतना ही पड़ता है।
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