गिरिडीह : झारखंड के गिरिडीह जिले स्थित पारसनाथ पर्वत (सम्मेद शिखर) पर एक बार फिर अतिक्रमण के खिलाफ आदिवासी संगठनों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। बुधवार को हजारों की संख्या में आदिवासी समुदाय के लोग पारंपरिक तीर-धनुष और ढोल नगाड़ों के साथ प्रदर्शन में शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों ने झारखंड के विभिन्न जिलों से आकर अपना विरोध जताया। उनके हाथों में “मारंग बुरु जुग जाहेर हमारा है” और “इसे खाली करो” जैसे स्लोगन लिखे थे।
आदिवासी संगठनों ने जताई नाराजगी
आदिवासी समुदाय के लोग इस प्रदर्शन के माध्यम से यह संदेश देना चाहते थे कि पारसनाथ पर्वत पर संताल समाज के प्राचीन पूजा स्थल, मारंग बुरु जुग जाहेर थान को जैन समाज द्वारा अतिक्रमित किया जा रहा है। इस दौरान, आदिवासी समाज के पुजारियों ने पूजा-अर्चना की और समाज के लोग मांदर की थाप पर मधुवन बाजार में भ्रमण करते हुए जैन समाज से अतिक्रमण पर रोक लगाने की मांग की।
प्रदर्शनकारियों का कहना था कि आदिवासी समाज के इस पूजा स्थल पर अतिक्रमण किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जाएगा। रामगढ़ से आए प्रदीप सोरेन ने आरोप लगाया कि जैन समाज ने पर्वत के स्वरूप को बदल दिया है और यहां अतिक्रमण बढ़ता जा रहा है, जो आदिवासी समाज की आस्था के लिए खतरा है।
दिया अल्टीमेटम
प्रदर्शनकारियों ने जैन समाज को अल्टीमेटम देते हुए चेतावनी दी कि यदि पारसनाथ पर्वत के इस अतिक्रमण को नहीं रोका गया, तो उनका विरोध और बढ़ेगा। उनका कहना था कि यह पर्वत आदिवासी समुदाय के लिए न सिर्फ एक धार्मिक स्थल है, बल्कि सांस्कृतिक धरोहर भी है, जिसे बचाना बेहद जरूरी है।


