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Parliament RJD reservation Protest : बिहार में 65% आरक्षण को नौवीं अनुसूची में डालने की मांग पर संसद परिसर में राजद ने किया प्रदर्शन

by Yugal Kishor
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नई दिल्ली : बिहार में अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी), अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और अति पिछड़ा वर्ग (EBC) के लिए 65 प्रतिशत आरक्षण को संविधान की नौवीं अनुसूची में डालने की मांग को लेकर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सांसदों ने संसद भवन परिसर में शुक्रवार को जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले) लिबरेशन के लोकसभा सदस्य भी शामिल हुए। प्रदर्शन के दौरान राजद सांसद हरे रंग की टी-शर्ट पहने हुए थे, जिस पर “65 प्रतिशत आरक्षण को नौवीं अनुसूची में डालो” लिखा हुआ था।

राजद सांसद संजय यादव का BJP पर आरोप

राजद के राज्यसभा सदस्य संजय यादव ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) बिहार में 65 प्रतिशत आरक्षण लागू करने की प्रक्रिया में बाधा डाल रही है। यादव ने कहा, “अगर भाजपा सचमुच आरक्षण की समर्थक है, तो बिहार कैबिनेट द्वारा पारित 65 प्रतिशत आरक्षण को नौवीं अनुसूची में डालने की अनुमति दे।” संजय यादव ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी केंद्र में आरक्षण नीति के खिलाफ साजिश रच रही है। यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का एक वीडियो भी साझा किया, जिसमें उन्होंने दावा किया कि मुख्यमंत्री ने राष्ट्रगान का अपमान किया है।

नीतीश कुमार पर कटाक्ष

संजय यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के राष्ट्रगान के दौरान व्यवहार पर कटाक्ष करते हुए कहा, “इस मामले में दो ही चीजें हो सकती हैं – या तो मुख्यमंत्री की मानसिक स्थिति ऐसी है कि उन्हें राष्ट्रगान का खयाल ही नहीं रहा, या फिर उन्हें पता ही नहीं है कि राष्ट्रगान के समय क्या करना चाहिए।” इस बयान के साथ ही यादव ने केंद्र और राज्य सरकार से इस आरक्षण मुद्दे को हल करने की मांग की।

क्या है नौवीं अनुसूची?

नौवीं अनुसूची भारतीय संविधान का एक हिस्सा है जिसमें उन विषयों और प्रावधानों को शामिल किया जाता है जिनसे संविधान में बदलाव नहीं किया जा सकता। इस सूची में शामिल प्रावधानों को संसद द्वारा पारित किया जा सकता है, और इसे अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती।

आरक्षण का बिहार में प्रभाव

जानकार बताते हैं कि बिहार में 65 प्रतिशत आरक्षण की नीति अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, ओबीसी और EBC वर्ग के लोगों के लिए महत्वपूर्ण है। यह आरक्षण शिक्षा, रोजगार, और सरकारी नौकरियों में उनके लिए अवसर सुनिश्चित करता है। राजद और अन्य विपक्षी दलों का मानना है कि केंद्र सरकार इस आरक्षण नीति को रोकने के लिए साजिश रच रही है, जिससे बिहार के पिछड़े वर्गों के सामाजिक और आर्थिक विकास में बाधा आ रही है।

BJP का रुख

हालांकि, BJP ने बार-बार इस आरोप का खंडन किया है। भाजपा नेताओं का कहना है कि केंद्र सरकार आरक्षण के पक्ष में है, लेकिन यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आरक्षण नीति संविधान के नियमों के अनुसार लागू हो।

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