पटना: मरणोपरांत पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित होने पर आचार्य किशोर कुणाल के परिवार में खुशी का माहौल है। उनका परिवार इस सम्मान को लेकर गौरवान्वित है, लेकिन उनका मानना है कि आचार्य किशोर कुणाल को इससे भी बड़े पुरस्कार मिलने चाहिए। परिवार का मानना है कि आचार्य किशोर कुणाल के द्वारा शिक्षा, चिकित्सा, अध्यात्म और सामाजिक कार्यों में किए गए अतुलनीय योगदान के लिए उन्हें पद्म विभूषण या भारत रत्न जैसे पुरस्कार मिलना चाहिए।
बेटे ने जताई खुशी…
आचार्य किशोर कुणाल के पुत्र सायण कुणाल ने कहा, ‘हम खुश हैं कि सिविल सेवा में उन्हें पद्मश्री मिला है। यह हम सभी के लिए गर्व की बात है। 23 जनवरी को हमें दिल्ली में रहने वाले एक शुभचिंतक ने यह जानकारी दी थी। बिहार सरकार ने उन्हें पद्म विभूषण के लिए अनुशंसा की थी, लेकिन पद्मश्री मिलना भी हमारे लिए गर्व का विषय है। हमें विश्वास है कि भविष्य में उनके सामाजिक कार्यों के लिए उन्हें और बड़े पुरस्कार मिलेंगे।’
और भी बड़े पुरस्कार मिलेंगे
आचार्य किशोर कुणाल की पत्नी अनीता कुणाल ने कहा, ‘पद्मश्री मिलने से हम खुश हैं, लेकिन हमें उम्मीद है कि उनके सामाजिक कार्यों के लिए भविष्य में और बड़े पुरस्कार मिलेंगे। हमें इस बार उम्मीद नहीं थी, क्योंकि समय काफी विलंब हो चुका था, लेकिन बिहार सरकार ने पद्म विभूषण के लिए अनुशंसा की और भारत सरकार ने इसे मानते हुए उन्हें पद्मश्री दिया। यह बहुत बड़ी बात है। हम आशा करते हैं कि आगे भी उनके कार्यों को सम्मानित किया जाएगा।’
कार्यकाल में उठाए कई महत्वपूर्ण कदम
आचार्य किशोर कुणाल ने अपने कार्यकाल में पटना के एसएसपी रहते हुए अपराध नियंत्रण के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए थे। उन्होंने जटिल केसों की जांच में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की, जिससे उनके योगदान को सिविल सेवा में अद्वितीय माना जाता है। उनके परिवार का मानना है कि उनका योगदान किसी पुरस्कार से सीमित नहीं किया जा सकता।