रामगढ़ : पतरातू विद्युत ऊर्जा निगम लिमिटेड (PVUNL) के लिए वर्ष 2025 एक महत्वपूर्ण मोड़ लेकर आ रहा है। इस वर्ष, पीवीयूएनएल अपने पहले फेज की 2400 मेगावाट की परियोजना के पहले यूनिट को शुरू कर लेगी। सीईओ आरके सिंह ने सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि 800 मेगावाट की यह पहली यूनिट पूरी झारखंड को रोशन करेगी।
सीईओ ने बताया कि दो फेज़ में पीवीयूएनएल 4000 मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखता है। पहले फेज का काम लगभग पूरा हो चुका है, और 800 मेगावाट के तीन यूनिट की निर्माण प्रक्रिया भी समाप्ति के करीब है। जनवरी महीने में पहले यूनिट के लिए कमर्शियल डिक्लेरेशन करने का लक्ष्य रखा गया है।
झारखंड को मिलेगा 85% बिजली, केंद्र सरकार तय करेगी 15% का वितरण
सीईओ आरके सिंह ने जानकारी दी कि इस परियोजना के तहत उत्पादित बिजली का 85 प्रतिशत झारखंड राज्य को मिलेगा, जबकि शेष 15 प्रतिशत का वितरण केंद्र सरकार द्वारा तय किया जाएगा। यह निर्णय राज्य के बिजली संकट को दूर करने के लिए अहम साबित हो सकता है।
इसके अलावा, पतरातू प्लांट को संचालित करने के लिए लातेहार जिले के बनाडीह कोल माइंस से कोयला प्राप्त होगा। हालांकि, इस कोल माइंस की शुरुआत में डेढ़ साल का वक्त लग सकता है, लेकिन इस बीच, सीसीएल और बीसीसीएल से एनटीपीसी के लिए कोयला की आपूर्ति सुनिश्चित की गई है। इसके लिए आवश्यक एग्रीमेंट पहले ही किए जा चुके हैं।
2025 तक पूरा होगा पहला फेज, 2400 मेगावाट का उत्पादन
सीईओ ने यह भी बताया कि वर्ष 2025 के अंत तक पहला फेज पूरा हो जाएगा और 2400 मेगावाट की बिजली उत्पादन प्रक्रिया पतरातू से शुरू हो जाएगी। इस परियोजना के सफल होने से न सिर्फ झारखंड को ऊर्जा मिल सकेगी, बल्कि इससे स्थानीय रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
2024 की प्रमुख उपलब्धियां और भविष्य की योजनाएं
प्रेस कांफ्रेंस के दौरान, सीईओ आरके सिंह ने 2024 में कंपनी द्वारा किए गए कार्यों और प्रमुख उपलब्धियों को भी साझा किया। उनके साथ जीएम प्रोजेक्ट अनुपम मुखर्जी, जीएम ओ एंड एम देवदीप बोस, जीएम मेंटेनेंस मनीष खेड़ापाल, एजीएम टीएस आलोक कुमार, सीएमओ संजय कुमार, सीएफओ नागेंद्र मिश्रा, डीजीएम माइनिंग जीवनेंदु महापात्र, और जियाउर रहमान एचओएचआर ने भी इस बैठक में भाग लिया।
इस अवसर पर, प्रबंधन के कार्यों की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की गई और आगामी योजनाओं के बारे में भी चर्चा की गई। प्रेस कांफ्रेंस के बाद इंटरेक्शन सेशन में पत्रकारों ने अपने सवाल पूछकर परियोजना के बारे में और जानकारी प्राप्त की।
Read Also: Jharkhand Khunti : डहेकला में खेल मैदान को बेचने के विरोध में ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन