दुमका : एक महत्वपूर्ण कानूनी कार्रवाई में, दुमका के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अनूप तिर्की ने यामाहा मोटर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के अधिकारियों को धोखाधड़ी और जालसाजी के एक मामले में समन जारी किया है। कोर्ट ने यामाहा के निदेशक कवाई हिदेफुमी और अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता आसिफ इकबाल खान को इस मामले में उपस्थित होने का आदेश दिया है।
यह मामला 21 जुलाई, 2025 को दुमका के यामाहा डीलर दिलीप कुमार पटवारी द्वारा दायर की गई शिकायत पर आधारित है। दिलीप पटवारी, जो 1982 से यामाहा के अधिकृत डीलर थे, ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि कंपनी ने उनकी डीलरशिप को गलत तरीके से रद्द कर दिया। उनके मुताबिक, 18 अक्टूबर, 2023 को आसिफ इकबाल खान ने परिवहन अधिकारी को एक पत्र भेजकर बिना किसी पर्याप्त कारण के उनकी डीलरशिप समाप्त कर दी।
₹10 लाख से अधिक के नुकसान का आरोप
दिलीप पटवारी का आरोप है कि अचानक डीलरशिप रद्द होने से उन्हें लगभग ₹10 लाख का भारी नुकसान हुआ है, क्योंकि उनके पास कई मोटरसाइकिलें स्टॉक में पड़ी रह गईं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि उन्होंने कंपनी को ₹60,000 NEFT के माध्यम से भेजे थे, लेकिन न तो उन्हें स्पेयर पार्ट्स मिले और न ही उनके पैसे वापस किए गए। इसके अलावा, कंपनी ने उनके खाते से बिना किसी बिल या फॉर्म के ₹1,12,652 काट लिए। पटवारी ने यह भी दावा किया है कि कंपनी ने उनकी ₹6 लाख की प्रोत्साहन राशि और सावधि जमा राशि भी जब्त कर ली।
मामले की सुनवाई के दौरान, दिलीप पटवारी के साथ एक जांच गवाह प्रेम पटवारी ने भी बयान दिया, जिन्होंने शिकायतकर्ता के आरोपों का समर्थन किया। न्यायालय ने उपलब्ध दस्तावेजों और गवाहों के बयानों के आधार पर माना कि आरोपियों के खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला बनता है।
कोर्ट ने शिकायतकर्ता को 26 अगस्त, 2025 तक आवश्यक दस्तावेज और शुल्क जमा करने का निर्देश दिया है, जिसके बाद दोनों आरोपी मुकदमे का सामना करेंगे।