पटना : बिहार में गैंगवार की ताजा लहर को लेकर मोकामा गोलीकांड ने नया मोड़ लिया है। पूर्व विधायक अनंत सिंह और उनके सहयोगी सोनू सिंह को पुलिस ने सलाखों के पीछे भेज दिया है, लेकिन इस मामले में एक महत्वपूर्ण आरोपी मोनू सिंह अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। मोकामा गोलीकांड को लेकर पुलिस ने मोनू की गिरफ्तारी के लिए अपनी छापेमारी का दायरा और तेज कर दिया है। अब उसकी संपत्तियों की कुर्की और जब्ती की कार्रवाई भी शुरू की जाएगी।

मोनू सिंह के खिलाफ कोर्ट ने जारी किया वारंट
मोकामा के जलालपुर नौरंगा गांव में बीते दिनों हुई गोलीबारी में मोनू सिंह मुख्य आरोपी है। इस मामले में पुलिस ने मोनू के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है और उसे पकड़ने के लिए लगातार छापेमारी कर रही है। इसके अलावा, उसके घर की कुर्की की प्रक्रिया भी शुरू हो रही है। बाढ़ अनुमंडलीय एएसपी राकेश कुमार ने बताया कि इस मामले में तीन अन्य अभियुक्तों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा जा चुका है। उन्होंने यह भी बताया कि मोनू सिंह और अन्य फरार आरोपियों के खिलाफ कोर्ट से कुर्की और जब्ती का आदेश लिया जा चुका है।
फरार आरोपियों के खिलाफ तेज कार्रवाई
मोकामा गोलीकांड में पुलिस ने अब तक चार एफआईआर दर्ज की हैं। 22 जनवरी को मोकामा के हेमजा गांव में मुकेश सिंह के घर के ताले खोलने के दौरान गोलीबारी हुई थी, जिससे पूरा इलाका थर्रा उठा था। इस घटना में शामिल प्रमुख आरोपियों में अनंत सिंह, सोनू सिंह, मोनू सिंह समेत कई अन्य लोग शामिल थे। अनंत सिंह ने 27 जनवरी को सरेंडर कर दिया था और वह फिलहाल 14 दिन की न्यायिक हिरासत में बेऊर जेल में बंद हैं। वहीं, सोनू सिंह भी फुलवारीशरीफ जेल में बंद है।
एएसपी राकेश कुमार ने कहा कि पुलिस को आशंका है कि मोनू सिंह और उसके सहयोगी किसी न किसी रूप में अपनी गिरफ्तारी से बचने की कोशिश कर रहे हैं। पुलिस की ओर से चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत, फरार आरोपियों को पकड़ने के लिए उनके संभावित ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है। राकेश कुमार ने आगे बताया कि जल्द ही मोनू सिंह के घर की कुर्की की कार्रवाई भी की जाएगी, ताकि उसे दबाव में लाकर गिरफ्तार किया जा सके।
गैंगवार और मोकामा की राजनीति
मोकामा गोलीकांड के बाद से बिहार में गैंगवार का माहौल गरमाया हुआ है। मोकामा क्षेत्र में अनंत सिंह और उनके सहयोगियों का दबदबा रहा है, जो अब एक बड़े गैंगवार में बदल चुका है। इस घटना ने बिहार की राजनीति और अपराध की दुनिया को फिर से सुर्खियों में ला दिया है। अनंत सिंह के साथ-साथ उनके सहयोगी सोनू और मोनू सिंह की गिरफ्तारी इस गैंगवार के नए मोड़ को दिखाती है।
इस मामले में पुलिस की कार्रवाई का असर न केवल मोकामा, बल्कि पूरे बिहार की राजनीति और कानून व्यवस्था पर पड़ सकता है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद इस मामले में कुछ और महत्वपूर्ण खुलासे हो सकते हैं, जो राज्य में बढ़ते अपराध और गैंगवार के मामलों की गहराई को उजागर करेंगे।
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