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Minister Madan Sahni : मंत्री मदन सहनी के बयान से बिहार में सियासी गर्मी, RJD ने नीतीश को घेरा

by Rakesh Pandey
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पटना : बिहार में सीएम नीतीश कुमार की सरकार की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई हैं और इस बार इसका कारण बने हैं उनके ही मंत्री मदन सहनी। अफसरशाही को लेकर उनके बयान ने बिहार में राजनीतिक हलचल मचा दी है। मंत्री सहनी ने यह दावा किया कि राज्य में अफसरशाही बेलगाम हो चुकी है और प्रशासनिक व्यवस्था पूरी तरह से विफल हो गई है। उनके इस बयान के बाद विपक्षी दलों ने नीतीश कुमार को घेरना शुरू कर दिया है और राज्य की वर्तमान स्थिति पर सवाल उठाए हैं।

अफसरशाही पर मंत्री का बयान

मंत्री मदन सहनी ने अफसरशाही के बारे में जो बयान दिया, वह बिहार की राजनीति में नया तूल ले आया है। उन्होंने कहा कि बिहार में अफसरशाही पूरी तरह से बेलगाम हो गई है और कोई भी सरकारी अधिकारी बिना नियंत्रण के काम कर रहा है। उनके इस बयान ने विपक्ष को एक नया मुद्दा दे दिया है, जिस पर वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को घेरने में जुट गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ मामलों में उन्हें मीडिया के जरिए ही जानकारी मिलती है, जैसे हाल ही में बिहार के एक शेल्टर होम में हुई बच्चियों की मौत का मामला।

राजद ने नीतीश कुमार को घेरा

मंत्री मदन सहनी के बयान के बाद राजद ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आड़े हाथों लिया है। राजद सांसद सुधाकर सिंह ने नीतीश कुमार की सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि बिहार में अराजकता का माहौल है और इस अराजकता में भाजपा और जेडीयू दोनों बराबर जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में सुशासन का नामोनिशान नहीं है, सभी अधिकारी बेलगाम हो चुके हैं और खुलेआम लूट-खसोट में लगे हुए हैं।

सिंह ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने गिड़गिड़ा रहे हैं कि उनके खिलाफ कोई कार्रवाई न की जाए। उनका आरोप था कि मुख्यमंत्री की खुद की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है और इस कारण राज्य में हालात और भी खराब हो सकते हैं। उन्होंने बिहार के शेल्टर होम में हुई बच्चियों की मौत के मामले पर भी प्रतिक्रिया दी और कहा कि यह घटना मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड से भी ज्यादा भयावह है।

शेल्टर होम कांड : सरकार की लापरवाही का आरोप

सुधाकर ने शेल्टर होम कांड की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि तीन बच्चियों की मौत भूख के कारण हुई है और इस पूरी घटना के पीछे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का संरक्षण है। उन्होंने इसे ‘विकास और शासन की विफलता’ करार देते हुए कहा कि यह घटना बताती है कि राज्य सरकार के तहत बच्चों की सुरक्षा और उनके अधिकारों को पूरी तरह नजरअंदाज किया जा रहा है।

मंत्री मदन सहनी ने भी इस मामले में कहा था कि उन्हें शेल्टर होम में हुई बच्चियों की मौत के बारे में मीडिया के जरिए जानकारी मिली और उन्होंने आरोप लगाया कि इस घटना की जानकारी उन्हें प्रशासनिक अधिकारियों से नहीं, बल्कि पत्रकारों से मिली। इस पर विपक्ष ने कड़ा विरोध जताते हुए कहा कि जब एक मंत्री को ऐसी घटनाओं की जानकारी समय पर नहीं मिल रही है, तो आम जनता की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है।

मुख्यमंत्री की चुप्पी और बढ़ती आलोचना

इस पूरे घटनाक्रम के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की चुप्पी पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। विपक्ष का कहना है कि जब मंत्री खुद प्रशासन के खिलाफ बयान दे रहे हैं, तो मुख्यमंत्री को इस पर तुरंत प्रतिक्रिया देनी चाहिए थी, लेकिन उनकी चुप्पी कई सवालों को जन्म दे रही है।

राजद और अन्य विपक्षी दलों ने यह भी आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य की शासन व्यवस्था पूरी तरह से विफल हो चुकी है और इसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। प्रदेश में अपराध, प्रशासनिक भ्रष्टाचार और अधिकारियों के बेलगाम व्यवहार पर नीतीश सरकार के खिलाफ असंतोष और आक्रोश बढ़ता जा रहा है।

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