लखनऊ : दिल्ली ही नहीं, उत्तर प्रदेश के भी कई शहरों में वायु प्रदूषण ने हालात को गंभीर बना दिया है। इन शहरों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 300 के पार पहुंच चुका है, जो बेहद खराब श्रेणी में आता है। इसके अलावा, यूपी के अधिकांश शहरों का AQI 100 के ऊपर बना हुआ है, यानी सभी शहरों में वायु गुणवत्ता खराब श्रेणी में है। प्रदूषण के इस खतरनाक स्तर ने न केवल लोगों की सेहत पर असर डाला है, बल्कि समग्र जीवनशैली को भी प्रभावित किया है। चलिए जानते हैं, यूपी के कौन-कौन से शहरों में प्रदूषण के हालात सबसे खराब हैं और उनके AQI के आंकड़े क्या हैं?
दिल्ली से सटे यूपी के शहरों में हालत खराब
गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में AQI का स्तर 371 है, जो बेहद खराब श्रेणी में आता है। यह शहर दिल्ली से सटा हुआ है और यहां का वायु प्रदूषण इतना ज्यादा है कि लोग बाहर निकलने से भी डर रहे हैं।
मेरठ: मेरठ की हालत भी कुछ अलग नहीं है। यहां AQI 389 तक पहुंच चुका है, जो वाकई खतरनाक है। इस स्तर पर प्रदूषण से सांस लेने में मुश्किलें आ सकती हैं और स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है।
नोएडा: दिल्ली से सटे नोएडा शहर में भी प्रदूषण का स्तर बेहद खराब है। यहां AQI 338 है, जिससे लोगों को सांस लेने में समस्या हो रही है। नोएडा में वायु प्रदूषण के कारण स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ रही हैं, खासकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह स्थिति गंभीर हो सकती है।
हापुड़: हापुड़ शहर का AQI भी 381 है, जो बेहद खराब श्रेणी में आता है। यहां के निवासी भी प्रदूषण के कारण खासे परेशान हैं, और इस स्तर पर तो लोगों के लिए घर से बाहर निकलना तक कठिन हो सकता है।
यूपी के अन्य बड़े शहरों में भी प्रदूषण का संकट
लखनऊ: यूपी की राजधानी लखनऊ का AQI 207 है, जो खराब श्रेणी में आता है। राजधानी होने के बावजूद लखनऊ में प्रदूषण के स्तर में सुधार नहीं हुआ है और स्थिति लगातार बिगड़ रही है।
आगरा: ताजमहल का शहर आगरा भी प्रदूषण से अछूता नहीं है। यहां का AQI 253 है, जो खराब श्रेणी में आता है। इस ऐतिहासिक शहर के पर्यावरण को बचाने के लिए जल्दी कदम उठाए जाने की जरूरत है।
अयोध्या: राम नगरी अयोध्या में प्रदूषण का स्तर कुछ कम है, लेकिन फिर भी यहां का AQI 158 है, जो खराब श्रेणी में आता है। खासकर पर्यटन स्थल होने के कारण यहां आने वाले पर्यटकों के लिए भी यह चिंता का विषय बन चुका है।
वाराणसी: वाराणसी का AQI 202 है। गंगा नदी के किनारे बसा यह शहर भी प्रदूषण से जूझ रहा है। यहां का वातावरण गंभीर प्रदूषण से भरा हुआ है, जिससे लोगों की सेहत पर असर पड़ सकता है।
प्रयागराज: प्रयागराज का AQI 122 है, जो खराब श्रेणी में आता है, लेकिन बाकी शहरों के मुकाबले यह स्थिति थोड़ी बेहतर है। फिर भी, इस स्तर पर भी प्रदूषण से सेहत पर असर पड़ सकता है।
बनारस: बनारस का AQI 116 है। यह भी खराब श्रेणी में आता है और प्रदूषण के असर से यहां के लोग परेशान हैं। बनारस का प्रदूषण स्तर भी चिंता का कारण बन चुका है, और इसे नियंत्रण में लाने के लिए ठोस उपायों की आवश्यकता है।
प्रदूषण का बढ़ता संकट और जरूरी कदम
उत्तर प्रदेश के इन शहरों का प्रदूषण स्तर यह दर्शाता है कि यहां वायु गुणवत्ता बेहद खराब है। इन शहरों में प्रदूषण के स्तर में लगातार वृद्धि हो रही है, जो लोगों की सेहत पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है। इन क्षेत्रों में प्रदूषण से निपटने के लिए प्रभावी उपायों की सख्त जरूरत है।
वहीं, इन शहरों में सर्दियों के मौसम में और बढ़ते प्रदूषण के कारण, सरकार और स्थानीय अधिकारियों को जल्द ही कदम उठाने होंगे। इन शहरों में वायु गुणवत्ता को सुधारने के लिए ऑड-ईवन योजना, अधिक हरित क्षेत्र, निर्माण कार्यों पर रोक और वाहनों के प्रदूषण स्तर की जांच जैसे कदम उठाए जा सकते हैं।
साथ ही, लोगों को भी प्रदूषण से बचने के लिए जागरूक करना जरूरी है, ताकि वे घरों से बाहर निकलने के दौरान सावधानी बरतें और मास्क का उपयोग करें। प्रदूषण से निपटने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हैं, और यही समय है जब हर नागरिक को अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए इस समस्या को हल करने में योगदान देना चाहिए।
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