रांची: मंगलवार को प्रोजेक्ट भवन में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मौजूदगी में बजट पूर्व संगोष्ठी अबुआ बजट का आयोजन किया गया। जिसमें उन्होंने कहा कि मंईयां योजना से न केवल झारखंड की पहचान पूरे देश में बनी है, बल्कि यह योजना महिलाओं b युवतियों के जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए राज्य सरकार के प्रतिबद्धता का प्रतीक बन गई है।
उन्होंने कहा कि राज्य को बने 25 साल हुए है। हम कई क्षेत्रों में काम करना चाहते है। संसाधन होंगे तो चीजें आगे बढ़ेंगी। उसके आधार पर ही बड़ी सोच की कल्पना की जा सकती है। उन्होंने कहा कि आज हमें खुद से कमाना है और उसे खर्च करना है। संसाधन भी हमें जुगाड़ करना होगा और इन पर खर्च भी करने होंगे। जो भी हमारी मूलभूत जरूरतें होती है उसे हर हाल में सरकार को जनता तक पहुंचाना होता है।
आधी आबादी के लिए अलग से बजट
मुख्यमंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार बाल विकास और महिला कल्याण मंत्रालय के तहत पूरे देश के लिए लगभग 25-26 हजार करोड़ रुपये का बजट निर्धारित करती है, जबकि झारखंड सरकार अपनी आधी आबादी के लिए 15-16 हजार करोड़ रुपये का बजट अलग से आवंटित कर रही है। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति पर कोई अतिरिक्त बोझ सरकार नहीं डालेगी।
महिलाओं को 2500 रुपये प्रति माह
मंईयां सम्मान योजना के तहत राज्य सरकार महिलाओं और युवतियों को हर महीने 2500 रुपये की राशि देती है। उन्होंने जनता की प्रतिक्रिया का भी उल्लेख किया और कहा कि कुछ लोग इस योजना को लेकर अलग-अलग राय रखते हैं। लेकिन राज्य सरकार का मानना है कि यह कदम महिला सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण है।
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार इस योजना के लिए आवश्यक संसाधन जुटाने के लिए आंतरिक स्रोतों की तलाश कर रही है, ताकि किसी पर अतिरिक्त बोझ न पड़े। साथ ही उन्होंने कहा कि युवाओं को लेकर भी हम योजना बना रहे है। इसके अलावा हम जो भी खर्च कर रहे है उसका आउटकम क्या है इस पर भी काम कर रहे है। अब योजनाओं को लेकर भी मंथन किया जा रहा है कि इससे आने वाले समय में क्या प्रभाव पड़ेगा।
विकास के लिए मजबूत नींव बनाने का वक्त
मुख्यमंत्री ने राज्य के विकास पर भी अपने विचार साझा किए और कहा कि यह वक्त झारखंड के लिए नींव मजबूत करने का है। उन्होंने झारखंड को ‘सोने की चिड़िया’ कहे जाने की बात करते हुए कहा कि वास्तविकता यह है कि राज्य अभी भी देश के सबसे पिछड़े राज्यों में से एक है। पिछले 25 वर्षों में कई प्रयास किए गए हैं, लेकिन राज्य का विकास अभी भी अपनी पूरी गति नहीं पकड़ पाया है।
नीति आयोग की सराहना
मुख्यमंत्री ने नीति आयोग द्वारा झारखंड सरकार के कामों की सराहना का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि नीति आयोग ने राज्य के कई कार्यक्रमों को अच्छे मापदंडों पर रखा है और कुछ मामलों में झारखंड पहले पायदान पर रहा है। हालांकि, उन्होंने यह भी साफ किया कि राज्य सरकार को अभी भी बहुत कुछ करने की आवश्यकता है और इस दिशा में निरंतर प्रयास जारी रखने की जरूरत है।
आधारभूत संरचना को बेहतर बनाने की कोशिश
मुख्यमंत्री ने झारखंड की खनिज संपदा के बारे में बात करते हुए कहा कि राज्य का खनिज संसाधन देश की अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव डालता है। राज्य सरकार ने इन सीमित संसाधनों के बावजूद आधारभूत संरचना के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 25 वर्षों में शिक्षा, सड़क, बिजली, पानी और अन्य बुनियादी सुविधाओं के क्षेत्र में महत्वपूर्ण काम किए गए हैं और यह प्रक्रिया निरंतर चलती रहेगी। विशेषज्ञों ने भी कई अहम सुझाव दिए है। हमारे जेहन में कई सवाल आए है। इस पर हमलोग मिलकर काम करेंगे। जो सुझाव आए है उसपर अध्ययन भी करेंगे।