रांची : ग्रामीण विकास विभाग ने अबुआ आवास योजना के लाभार्थियों के लिए एक नई पहल की है। विभाग ने एक विशेष एप बेनेफिशियरी लेवल जीयो टैग एप तैयार किया है, जिसके माध्यम से लाभुक खुद अपने निर्माणाधीन आवास का जीयो टैग कर सकेंगे। यह कदम ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका सिंह पांडे के निर्देश के बाद उठाया गया है। जिससे योजना के तहत आवास निर्माण में पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सकेगी। इसे लेकर दीपिका सिंह पांडे ने कहा कि अबुआ आवास योजना के अंतर्गत आवास निर्माण कार्य में कई समस्याएं सामने आती हैं। जिससे लाभार्थियों को समय पर किस्तें नहीं मिल पाती हैं या किस्तों का वितरण गलत तरीके से होता है। इस एप के जरिए इन समस्याओं का समाधान होगा। लाभार्थी अब खुद अपनी आवास की प्रगति को ट्रैक कर सकेंगे। इतना ही नहीं निर्माण में किसी भी प्रकार की अनियमितता का पता लगाना आसान होगा।
चार किस्तों में मिल रही राशि
उन्होंने कहा कि इस एप के माध्यम से लाभुक को उनके आवास के निर्माण के हर चरण का जीयो टैग किया जा सकेगा। जिससे उनकी किस्तों का भुगतान पारदर्शी और सही तरीके से हो सकेगा। अबुआ आवास योजना में आवंटित लक्ष्य के तहत लाभार्थियों को 2,00,000 की राशि चार किस्तों में दी जाती है। विभाग ने निर्देश दिया है कि किस्तों के वितरण में पूरी पारदर्शिता बरती जाए। इसके लिए ग्राम पंचायत स्तर पर सहयोग की व्यवस्था की गई है।
गूगल प्ले स्टोर से कर सकेंगे डाउनलोड
एप को गूगल प्ले स्टोर और अबुआ आवास योजना के पोर्टल से डाउनलोड किया जा सकता है। एप इंस्टॉल करते समय लाभार्थियों को मोबाइल नंबर के माध्यम से ओटीपी प्राप्त होगा। इसके बाद वे अपनी साइट का जियो टैग कर सकेंगे, जिसे पंचायत सेवक सत्यापित करेंगे। पंचायत सेवक को सात दिन के भीतर इस टैग की सत्यता की जांच करनी होगी और इसके बाद वह जियो टैग को अप्रूव या रिजेक्ट कर सकेंगे।
लाभार्थियों को समय पर किस्त
मनरेगा आयुक्त और प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के नोडल पदाधिकारी मृत्युंजय कुमार बर्णवाल ने सभी अधिकारियों को यह निर्देश दिया है कि वे लाभार्थियों को यह एप जल्द से जल्द उपलब्ध कराएं और इस दिशा में त्वरित कार्रवाई करें। इस कदम से न केवल लाभार्थियों को सही तरीके से किस्तें मिलेंगी बल्कि भ्रष्टाचार और अनियमितताओं पर भी नजर रखी जा सकेगी।
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