पुरी : Puri Jagannath Mandir : ओडिशा के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने 12 जुलाई को कहा कि राज्य सरकार पुरी में भगवान जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार को फिर से खोलने पर शनिवार यानी आज 13 जुलाई को फैसला करेगी।
मंदिर का रत्न भंडार आखिरी बार 46 साल पहले 1978 में खोला गया था और इसे फिर से खोलना राज्य में लोकसभा और विधानसभा चुनावों के दौरान एक प्रमुख राजनीतिक मुद्दा था। वहीं भारतीय जनता पार्टी ने वादा किया था कि अगर वह ओडिशा में सत्ता में आई तो 12वीं सदी के मंदिर के रत्न भंडार को फिर से खोला जाएगा।
कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने कहा कि ‘राज्य सरकार मंदिर प्रबंधन समिति द्वारा अनुशंसित मानक संचालन प्रक्रियाओं के कानूनी और अन्य पहलुओं की जांच कर रही है। इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा था कि शनिवार को इस पर राज्य सरकार का फैसला पता चल जाएगा।
पुरी में भगवान जगन्नाथ के मंदिर का प्रशासन राज्य सरकार के विधि विभाग के अधीन है। वहीं ये उल्लेखनीय है कि मंदिर प्रबंध समिति ने उड़ीसा उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश विश्वनाथ रथ की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय समिति के प्रस्तावों को एसओपी में कुछ बदलावों के साथ अनुमोदित कर सरकार की मंजूरी के लिए भेज दिया है।
वहीं रत्न भंडार के निरीक्षण और वहां रखे आभूषणों और कीमती सामानों की सूची बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित 16 सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति ने 14 जुलाई को खजाने को फिर से खोलने की सिफारिश की थी।
वहीं मंदिर के रत्न भंडार में 12वीं शताब्दी के बहुमूल्य आभूषण हैं, जो लंबे समय से भक्तों और राजाओं द्वारा भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा को अर्पित किए गए हैं। यह रत्न भंडार मंदिर के अंदर स्थित है और इसमें दो कमरे हैं। एक कमरा है आंतरिक कक्ष और दूसरा है बाहरी कक्ष। जब जगन्नाथ और उनके भाई-बहन को स्वर्ण पोशाक पहनानी होती है, तो बाहरी कक्ष खोला जाता है। यह एक प्रमुख अनुष्ठान है जो प्रत्येक वर्ष जगन्नाथ यात्रा के दौरान किया जाता है। वहीं 2024 से पहले 1978 में रत्न भंडार की सूची तैयार की गई थी, लेकिन 1985 में इसे फिर से खोलने पर नई सूची बनाने की तैयारी की जा रही थी।