Ramgarh (Jharkhand) : भुरकुंडा रेलवे साइडिंग में हाल ही में हुई गोलीबारी की घटना का पुलिस ने पर्दाफाश करते हुए चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। पुलिस अधीक्षक (एसपी) अजय कुमार ने बताया कि रंगदारी वसूलने के लिए इस घटना को अंजाम दिया गया था और राहुल दूबे नामक एक व्यक्ति ने एक ऐसे शख्स का इस्तेमाल किया जो खुद अपनी बीमार बेटी की जिंदगी बचाने के लिए संघर्ष कर रहा था।
एसपी ने बताया कि हथियार उठाने वाला सुजीत डोम कई अपराधियों के लिए काम कर चुका है, लेकिन वर्तमान में वह बेहद कमजोर आर्थिक स्थिति से गुजर रहा था। उसकी चार साल की बेटी गंभीर रूप से बीमार है और उसके इलाज के लिए उसे पैसों की सख्त जरूरत थी। सुजीत ने कई लोगों से मदद की गुहार लगाई, लेकिन कहीं से भी उसे आर्थिक सहायता नहीं मिल पाई। राहुल दूबे ने उसकी इसी मजबूरी का फायदा उठाया।
पुलिस के अनुसार, राहुल दूबे गैंग के सदस्यों ने सुजीत से संपर्क किया और उसे ऐसे सुनहरे सपने दिखाए जिसकी उसने कभी कल्पना भी नहीं की थी। गैंग के सदस्यों ने सुजीत को उसकी चार साल की बेटी के इलाज का पूरा खर्च उठाने का वादा किया। यहां तक कि फोन पर उसकी राहुल दूबे से बात भी कराई गई, जिसने उसे झूठी सहानुभूति दी। लेकिन इस तथाकथित मदद के बदले में उससे रेलवे साइडिंग पर गोली चलाने को कहा गया।
ढाई लाख की रंगदारी, सुजीत को मिले सिर्फ 10 हजार
एसपी अजय कुमार ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि राहुल दूबे गैंग के दो सदस्यों ने मिलकर एक व्यापारी से ढाई लाख रुपये की रंगदारी वसूली थी। इतनी बड़ी रकम में से सुजीत को महज 10 हजार रुपये दिए गए। इस छोटी सी रकम में से भी सुजीत ने अपने साथी इनामुल अंसारी और मजहर अंसारी को कुछ पैसे दिए। इसी मामूली रकम के लिए उसने पांच राउंड गोलियां चलाईं।
एसपी की युवाओं से अपील: अपराध से दूर रहें, राहुल दूबे समाज का कैंसर
एसपी अजय कुमार ने राहुल दूबे को समाज के लिए एक कैंसर बताते हुए युवाओं से अपील की कि वे इस तरह के आपराधिक गिरोहों से दूर रहें, अन्यथा उनका जीवन जेल की सलाखों के पीछे ही बीतेगा। उन्होंने कहा कि आपराधिक गिरोह सिर्फ अपना वर्चस्व कायम करने के लिए युवाओं को भ्रमित करते हैं। वे खुद पर्दे के पीछे छिपे रहते हैं और युवाओं को चंद पैसों के लालच में सड़कों पर अपराध करने के लिए इस्तेमाल करते हैं।
एसपी ने युवाओं को समझाया कि अपराध के रास्ते पर चलकर कभी भी सफलता नहीं मिलती। आज जितने भी लोग आपराधिक गिरोहों के लिए काम कर रहे हैं, वे सभी सलाखों के पीछे हैं। उन्होंने लोगों से यह भी अपील की कि फोन पर किसी अनजान व्यक्ति से हुई बातचीत पर आसानी से भरोसा न करें।