RANCHI: राजधानी में बच्चों की सेहत पर नजर रखने का जिम्मा 48 डॉक्टरों के कंधे पर है। जिन्हें एक टास्क दिया गया है। टास्क के तहत डॉक्टरों को आंगनबाड़ी केंद्रों और सरकारी स्कूलों में बच्चों की स्वास्थ्य जांच करना है। साथ ही कहा गया है कि स्कूलों और केंद्रों में विजिट के दौरान जिन बच्चों में अस्वस्थता पाई जाएगी, उनकी प्रॉपर जांच कर बेहतर स्वास्थ्य सुविधा से जोड़ा जाएगा। इतना ही नहीं इलाज पूरा होने तक उन्हें सारी सुविधाएं मुहैया कराई जाएगी।
करते है बच्चों का रूटीन चेक अप
कार्यक्रम के अंतर्गत रांची जिले में वर्तमान में 48 डॉक्टर कार्यरत हैं, जो विभिन्न सरकारी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में जाकर बच्चों की नियमित स्वास्थ्य जांच करते हैं। ये डॉक्टर बच्चों में पोषण की कमी, आंखों व कान की समस्या, दंत रोग, एनीमिया, हृदय और अन्य गंभीर बीमारियों की पहचान कर उन्हें उचित स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
बच्चों का समय पर हो रहा इलाज
विशेष रूप से दिव्यांगता की रोकथाम और समय पर इलाज सुनिश्चित करने के लिए यह पहल काफी प्रभावशाली साबित हो रही है। इन डॉक्टरों के प्रयास से न केवल बच्चों के स्वास्थ्य की बेहतर निगरानी हो रही है बल्कि प्रारंभिक अवस्था में बीमारी की पहचान कर उन्हें समय पर उपचार भी मिल रहा है। सिविल सर्जन ने सभी स्वास्थ्यकर्मियों को निर्देश दिया है कि आंगनबाड़ी और स्कूलों में जाकर बच्चों की जांच में कोई ढिलाई नहीं होनी चाहिए।
साथ ही, स्वास्थ्य जांच रिपोर्ट को समय पर दर्ज कर जिला स्वास्थ्य समिति को उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है। 48 डॉक्टरों की टीम जिले के हजारों बच्चों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में अहम योगदान दे रही है। इसे जारी रखना है जिससे बच्चों की सेहत बेहतर हो।