रांची: झारखंड हाईकोर्ट ने रांची के प्रमुख जलस्रोतों- बड़ा तालाब, कांके डैम और धुर्वा डैम के आसपास बढ़ते अतिक्रमण को गंभीरता से लेते हुए सख्त निर्देश जारी किए हैं। अदालत ने राज्य के शहरी विकास और जल संसाधन विभाग के सचिवों, रांची के उपायुक्त और नगर निगम प्रशासक को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया था। अधिकारियों ने गुरुवार को आदेश का पालन किया।
अदालत ने कहा- जमीनी स्तर पर दिखे एक्शन
मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान अधिकारियों से स्पष्ट कहा कि जलाशयों और तालाबों के कैचमेंट क्षेत्रों में हो रहे अतिक्रमणों को जल्द से जल्द हटाया जाए। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि इन क्षेत्रों को “नो एंट्री जोन” घोषित किया जाए और उन्हें कंटीले तारों से घेरा जाए, ताकि भविष्य में कोई अवैध निर्माण न हो सके।
बड़ा तालाब और डैम के लिए दायर हुई थी जनहित याचिका
यह मामला एक जनहित याचिका (PIL) के तहत हाईकोर्ट में सुनवाई के लिए प्रस्तुत किया गया था। इसमें कहा गया है कि रांची के प्रमुख जलस्रोतों– बड़ा तालाब, कांके डैम और धुर्वा डैम की जमीन पर बड़े पैमाने पर अवैध कब्जे हो रहे हैं। याचिका में आरोप है कि इन स्थानों पर मल्टी-स्टोरी बिल्डिंग्स खड़ी की जा रही हैं, जिससे इन जलस्रोतों की प्राकृतिक बहाव प्रणाली और अस्तित्व खतरे में पड़ गया है।
भविष्य में जल संकट की चेतावनी
याचिकाकर्ता ने चेतावनी दी है कि यदि इन अतिक्रमणों पर तत्काल कार्रवाई नहीं की गई, तो रांची शहर में गंभीर जल संकट उत्पन्न हो सकता है और पर्यावरणीय असंतुलन भी बढ़ सकता है।
अगली सुनवाई 22 अगस्त को
हाईकोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 22 अगस्त की तिथि निर्धारित की है और अधिकारियों से कहा है कि अगली बार तक ठोस कार्यवाही के प्रत्यक्ष परिणाम प्रस्तुत किए जाएं।