RANCHI: रांची नगर निगम रेवेन्यू बढ़ाने को लेकर रेस हो गया है। वित्तीय वर्ष 2025-26 के रेवेन्यू कलेक्शन के लक्ष्यों की प्राप्ति को लेकर नगर निगम कार्यालय में शनिवार को एक महत्वपूर्ण समीक्षात्मक बैठक हुई। इस बैठक की अध्यक्षता अपर नगर आयुक्त संजय कुमार ने की। इस दौरान उन्होंने राजस्व विभाग की कार्यप्रणाली की समीक्षा की और आने वाले महीनों के लिए रणनीति तय की गई।
जिसमें स्पष्ट निर्देश दिया गया कि अगर कोई भवन किराए पर लगा है तो उससे कामर्शियल होल्डिंग टैक्स वसूला जाएगा। साथ ही ट्रेड लाइसेंस भी लेना अनिवार्य होगा। ऐसा नहीं करने वाले हाउस होल्डरों पर एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। बैठक में नगर प्रबंधक, निगम के टैक्स कलेक्टर, रेवेन्यू इंस्पेक्टर, एजेंसी के प्रतिनिधि तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे। सभी से समन्वय स्थापित कर बेहतर परिणाम देने की अपेक्षा जताई गई।
शत प्रतिशत लक्ष्य पूरा करने का निर्देश
अपर नगर आयुक्त ने स्पष्ट निर्देश दिया कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में टैक्स कलेक्शन के निर्धारित लक्ष्यों को शत-प्रतिशत प्राप्त किया जाए। इसके लिए पिछले वर्षों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन करते हुए एक नई मिसाल कायम करने की आवश्यकता पर उन्होंने जोर दिया। बैठक में तय किया गया कि व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के ट्रेड लाइसेंस की क्षेत्र भ्रमण के दौरान जांच की जाएगी। यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि भवन मालिकों द्वारा जितने क्षेत्रफल के लिए ट्रेड लाइसेंस लिया गया है, उसी के अनुसार कमर्शियल होल्डिंग टैक्स भी जमा किया जा रहा है या नहीं। यदि इसमें कोई अनियमितता पाई जाती है, तो संबंधित होल्डिंग का रीअसेस्मेंट कर उपयुक्त टैक्स निर्धारण किया जाएगा।
बकायेदारों को भेजा जाएगा नोटिस
विभिन्न वार्डों में टैक्स कलेक्शन की स्थिति की समीक्षा करते हुए अपर नगर आयुक्त ने निर्देश दिया कि जिन वार्डों में 60% से अधिक टैक्स संग्रह हो चुका है, उन वार्डों में सितंबर 2025 तक 100% लक्ष्य प्राप्त किया जाए। वहीं जिन वार्डों में अब तक 30% से कम टैक्स संग्रहण हुआ है, वहां युद्ध स्तर पर कार्रवाई करते हुए बकायेदारों को नोटिस जारी कर सख्ती से वसूली की जाए।
फील्ड में ज्यादा समय दें कलेक्टर
अपर नगर आयुक्त ने निर्देश दिया कि टैक्स कलेक्टर और रेवेन्यू इंस्पेक्टर फील्ड में अधिक समय दें ताकि अंडर-असेस्ड और अन-असेस्ड संपत्तियों की पहचान कर उनका सत्यापन व पुनर्मूल्यांकन सुनिश्चित किया जा सके। इसके साथ ही, आवासीय भवनों में यदि व्यावसायिक गतिविधियां चलाई जा रही हैं, तो उनकी अलग से सूची बनाकर पुनर्मूल्यांकन की प्रक्रिया अपनाई जाए। इस दौरान लंबित होल्डिंग टैक्स और ट्रेड लाइसेंस आवेदनों का शीघ्र निपटारा करने के निर्देश भी दिए गए ताकि पेंडेंसी को कम किया जा सके। टैक्स कलेक्शन में कार्यरत एजेंसी मेसर्स श्री पब्लिकेशन एंड स्टेशनर्स के प्रतिनिधियों को भी टारगेट दिया गया।
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