रांची: झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने तेलंगाना राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित समारोह में कहा कि तेलंगाना का गठन भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक अध्याय है। उन्होंने कहा कि यह राज्य एक लंबे जन आंदोलन और क्षेत्रीय आकांक्षाओं की पूर्ति का परिणाम है, जो भारत की संघीय व्यवस्था की मजबूती को दर्शाता है। राज्यपाल ने तेलंगाना राज्य के नागरिकों और झारखंड में निवास कर रहे तेलंगाना मूल के लोगों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि भारत विविधताओं से भरा देश है और ‘विविधता में एकता’ इसकी सबसे बड़ी ताकत है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू की गई ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ पहल इसी भावना को सुदृढ़ करती है। यह अभियान विभिन्न राज्यों के बीच आपसी समझ, सहयोग और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देता है।
धरोहर सांस्कृतिक विविधता का प्रतीक
राज्यपाल ने तेलंगाना की उपलब्धियों की सराहना करते हुए कहा कि इस राज्य ने कृषि, उद्योग, शिक्षा और प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है। उन्होंने तेलंगाना की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का उल्लेख करते हुए बथुकम्मा और बोनालू जैसे लोक पर्वों तथा चारमीनार और रामप्पा मंदिर जैसी ऐतिहासिक धरोहरों को भारत की सांस्कृतिक विविधता का प्रतीक बताया।
तेलंगाना के नागरिकों की भी प्रशंसा
राज्यपाल ने झारखंड में निवासरत तेलंगाना मूल के नागरिकों के योगदान की भी प्रशंसा की और कहा कि वे राज्य के विकास में विभिन्न क्षेत्रों में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। यह देश की साझी संस्कृति और एकता का प्रतीक है। राज्यपाल ने सभी नागरिकों से आह्वान किया कि वे कर्तव्यनिष्ठा, समर्पण और सेवा-भाव के साथ कार्य करें, जिससे राष्ट्र को प्रगति के मार्ग पर आगे बढ़ाया जा सके।
राज्यपाल के अपर सचिव ए.के. सत्यजीत ने जानकारी दी कि राज भवन में ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ अभियान के तहत सभी राज्यों के स्थापना दिवस मनाए जाते हैं, जिससे एक-दूसरे की संस्कृति को जानने-समझने का अवसर मिलता है।