पिठोरिया : रांची के पिठोरिया थाना क्षेत्र में अवैध बालू खनन और परिवहन का कारोबार प्रशासनिक संरक्षण में खुलेआम फल-फूल रहा है। नियम-कानून को ताक पर रखकर रोजाना बालू से लदे हुए दर्जनों ट्रक निर्बाध रूप से गुजर रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि यह सब कुछ प्रशासन और पुलिस की नाक के नीचे हो रहा है, लेकिन पुलिस कार्रवाई के नाम पर चुप्पी साधी हुई है। सोमवार की देर रात पिठोरिया पुलिस ने अवैध बालू लदे एक ट्रक को सड़क से ही छोड़ दिया। दरअसल, अवैध बालू कारोबार की सूचना पर पत्रकारों की टीम न्यूज कवर करने के लिए पहुंची थी। इस दौरान दबंग बालू माफियाओं ने पत्रकारों पर जानलेवा हमला कर दिया। हालांकि, पुलिस ने इस मामले में देर शाम मुख्य आरोपी प्रवीण प्रजापति को गिरफ्तार कर लिया है।
जानकारी के अनुसार, माफियाओं ने खुलेआम धमकी दी और कहा कि थाना के संरक्षण में हमारा कारोबार चलता है, तुम लोग हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकते। मामले की जानकारी मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची। कार्रवाई करना छोड़ पुलिस ने घटनास्थल पर ही पंचायत लगा दी। केस को मैनेज कर अवैध बालू लदे ट्रक को छोड़ दिया। बालू का चालान मांगने पर भी नहीं दिखया गया। इससे यह स्पष्ट होता है कि पिठोरिया थाना क्षेत्र में पुलिस के संरक्षण से ही अवैध बालू का कारोबार चरम पर है।
ट्रकों की आवाजाही ने स्थानीय लोगों का जीना मुहाल
हर दिन सुबह से लेकर रात तक भारी वाहनों की आवाजाही इस बात का प्रमाण है कि पिठोरिया से बड़ी मात्रा में अवैध तरीके से बालू निकाला और भेजा जा रहा है। सड़कों पर उड़ती धूल और लगातार बढ़ते हादसे इस काले कारोबार की असलियत बयां कर रहे हैं। नदी किनारे बालू का अवैध खनन तेजी से हो रहा है, जिससे पर्यावरण को भी नुकसान हो रहा है। दिन-रात ट्रकों की आवाजाही ने स्थानीय लोगों का जीना मुहाल कर दिया है।
मोबाइल छीनने और धमकाने का आरोप
इधर, पत्रकार विजय गोप ने जानलेवा हमले को लेकर पिठोरिया थाना में एफआईआर दर्ज कराई है। दर्ज एफआईआर के अनुसार, पत्रकार विजय गोप को रात में सूचना मिली थी कि पिठोरिया चौक से रांची जाने वाले रास्ते पर ग्रामीणों ने एक अवैध बालू लदे ट्रक को रोक लिया है। सूचना मिलते ही वे अपने एक पत्रकार साथी के साथ रिपोर्टिंग के उद्देश्य से घटनास्थल पर पहुंचे। जैसे ही वे वहां पहुंचे, मौके पर मौजूद बालू माफियाओं ने उन्हें घेर लिया। पत्रकार विजय गोप ने अपनी शिकायत में बताया है कि हमलावरों में गुलफान (पिता: कलम, ग्राम: हपुवा, जिला: रामगढ़), प्रवीण (निवासी: चटकपूर), सामी अंसारी (निवासी: नगड़ी) और उनके साथ 10-12 अन्य लोग शामिल थे। इन सभी ने पत्रकारों को चारों ओर से घेर लिया और उनके साथ गाली-गलौज करते हुए मारपीट शुरू कर दी। मारपीट के दौरान विजय गोप की शर्ट फाड़ दी गई और उनका मोबाइल फोन भी छीन लिया गया, जिससे वे घटना की रिकॉर्डिंग कर रहे थे।
पत्रकार संघ में आक्रोश, कार्रवाई की मांग
घटना के बाद पत्रकार संघों में आक्रोश है। बुढ़मू और कांके पत्रकार संघ ने इस हमले की कड़ी निंदा की है। डीजीपी से तत्काल हस्तक्षेप कर दोषियों की गिरफ्तारी की मांग की है। संघ का कहना है कि पत्रकार लोकतंत्र का चौथा स्तंभ हैं, और यदि उनके साथ इस प्रकार की घटनाएं होंगी, तो यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला है।
पत्रकारों की मांग
पत्रकार विजय गोप पर हमला करने वालों की तत्काल गिरफ्तारी हो। पूरे बालू खनन नेटवर्क की उच्चस्तरीय जांच हो। पिठोरिया थाना क्षेत्र में चल रहे माफिया नेटवर्क को जड़ से समाप्त किया जाए। पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। इस पूरे मामले ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोग भी इस अवैध कारोबार से हो रहे पर्यावरणीय नुकसान और सड़क पर बढ़े खतरे को लेकर चिंतित हैं।
पत्रकार से मारपीट करने को लेकर एफआईआर दर्ज कर ली गई है। जहां तक बात ट्रक में अवैध बालू लदे होने की है, इसपर जांच चल रही है। जांच में अगर अवैध बालू होने की पुष्टि होती है तो, पिठोरिया थानेदार पर कार्रवाई होगी।
-अमर कुमार पांडेय, डीएसपी हेडक्वार्टर वन।