रांची : झारखंड हाई कोर्ट ने रांची के प्रमुख जल स्रोतों हरमू नदी और बड़ा तालाब की सफाई और संरक्षण को लेकर स्वतः संज्ञान लेते हुए बुधवार को हुई सुनवाई में राज्य सरकार और रांची नगर निगम से जवाब मांगा है। मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि जल स्रोतों (Ranchi Water Bodies) की उपेक्षा को अब और बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कोर्ट ने पूछा कि इन जल स्रोतों की सफाई और गाद हटाने के लिए अब तक क्या ठोस कदम उठाए गए हैं। (Ranchi Water Bodies)
रांची नगर निगम की ओर से अधिवक्ता एलसीएन शाहदेव ने कोर्ट को बताया कि 10-11 अप्रैल को हरमू नदी की सफाई कराई गई थी, और यह कार्य समय-समय पर किया जाता रहा है। इस संबंध में कुछ फोटोग्राफ भी प्रस्तुत किए गए। कोर्ट ने निगम को निर्देश दिया कि वे इन बातों को शपथ पत्र के रूप में दाखिल करें।
झारखंड सिविल सोसायटी की ओर से अधिवक्ता खुशबू कटारुका ने कोर्ट को बताया कि बड़ा तालाब की सफाई अधूरी है जब तक उसकी गहराई में जमी हुई गाद (Sludge को नहीं निकाला जाता। साथ ही बताया गया कि हरमू नदी में आज भी घरों का सॉलिड वेस्ट गिर रहा है, जिससे सफाई प्रभावित हो रही है।
Ranchi Water Bodies : जल संसाधन विभाग निकालेगा बड़ा तालाब की गाद
राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि बड़ा तालाब से गाद निकालने की जिम्मेदारी जुडको को देने की कोशिश की गई थी, लेकिन जुडको ने विशेषज्ञता न होने के कारण असमर्थता जताई। अब यह कार्य जल संसाधन विभाग को सौंपने के लिए पत्र लिखा गया है। कोर्ट ने इस विषय में भी विस्तृत जवाब मांगा है।
इसके अलावा, राज्य सरकार ने बताया कि जल स्रोतों से अतिक्रमण हटाने के लिए सभी जिलों में बनाई गई टास्क फोर्स की रिपोर्ट अभी अधूरी है, कुछ जिलों से रिपोर्ट आना बाकी है। गौरतलब है कि रांची में जलस्रोतों की खराब स्थिति और अतिक्रमण को लेकर प्रकाशित एक मीडिया रिपोर्ट को हाई कोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था। पूर्व में कोर्ट ने सभी जिलों से जल स्रोतों की स्थिति, अतिक्रमण और सफाई को लेकर विस्तृत जानकारी प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था।
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