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Delhi Crime : राष्ट्रपति भवन के कर्मचारी ने सहकर्मी की अनभिज्ञता का फायदा उठा की 24.40 लाख की धोखाधड़ी

Delhi : दिल्ली पुलिस ने सरकारी कर्मचारी को 24.40 लाख की यूपीआई ठगी के आरोप में किया गिरफ्तार, मास्टरमाइंड भी पकड़ा गया

by Anurag Ranjan
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नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस की साइबर क्राइम यूनिट ने एक सनसनीखेज यूपीआई ठगी के मामले को सुलझाते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिसमें एक सरकारी कर्मचारी शामिल है, जो राष्ट्रपति भवन परिसर में तैनात था। इस धोखाधड़ी में पीड़ित चीफ हाउसहोल्ड असिस्टेंट और उनकी पत्नी के बैंक खातों से कुल 24.40 लाख रुपये की राशि बिना उनकी जानकारी के निकाली गई।

डीसीपी देवेश देवेश कुमार महला ने बताया कि मामले की शिकायत सूरेंद्र कुमार (59), जो राष्ट्रपति भवन में चीफ हाउसहोल्ड असिस्टेंट के पद पर कार्यरत हैं, ने दर्ज कराई थी। सूरेंद्र ने बताया कि उनकी और उनकी पत्नी के पंजाब नेशनल बैंक खातों से 24.40 लाख रुपये की राशि यूपीआई लेनदेन के माध्यम से निकाली गई। हैरानी की बात यह थी कि न तो उन्होंने और न ही उनकी पत्नी ने कभी फोन पे या पेटीएम जैसे यूपीआई ऐप का इस्तेमाल किया था और उन्हें डिजिटल बैंकिंग की कोई जानकारी भी नहीं थी। बैंक पासबुक अपडेट कराने के दौरान उन्हें इस धोखाधड़ी का पता चला। इसके बाद साइबर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की।

जांच के दौरान पुलिस ने वित्तीय लेनदेन का विश्लेषण किया, जिससे पता चला कि पीड़ित की पत्नी के खाते से 16.30 लाख रुपये और उनके खाते से 4 लाख रुपये कोलकाता के संजय चक्रवर्ती के बैंक ऑफ बड़ौदा खाते में स्थानांतरित किए गए। इसके आधार पर इंस्पेक्टर हरीश चंद्रा के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई, जिसने कोलकाता से संजय चक्रवर्ती को गिरफ्तार किया। पूछताछ में संजय ने खुलासा किया कि उसने अपने सहयोगी प्रकाश सिंह के कहने पर पैसे अपने खाते में लिए और 2-3% कमीशन के बदले बाकी राशि प्रकाश को भेज दी। तकनीकी निगरानी और संजय के बयान के आधार पर पुलिस ने प्रकाश सिंह (27), जो राष्ट्रपति भवन परिसर में ही रहता और पीड़ित के साथ एक ही विभाग में काम करता था, को गिरफ्तार कर लिया।

प्रकाश सिंह ने अपने सहकर्मी की डिजिटल अनभिज्ञता का फायदा उठाया। वह नियमित रूप से पीड़ित का मोबाइल फोन इस्तेमाल करता था। उसने पीड़ित के फोन में फोन पे ऐप इंस्टॉल किया और तीन महीने तक हर 3-4 दिन में 1 लाख रुपये की राशि अपने और अपने दोस्तों के खातों में स्थानांतरित की। लेनदेन के बाद वह ट्रांजेक्शन के एसएमएस डिलीट कर देता और ऐप को अनइंस्टॉल कर फोन वापस कर देता। अपने अपराध को छिपाने के लिए उसने संजय चक्रवर्ती जैसे दोस्तों के खातों का इस्तेमाल किया, जो कमीशन लेकर बाकी राशि प्रकाश को भेज देते थे।

ठगी की राशि से खरीदे दो आईफोन, मोटरसाइकिल व अन्य सामान

पूछताछ में प्रकाश ने बताया कि उसने ठगी की राशि से दो एपल मोबाइल फोन, एक मोटरसाइकिल, एक लैपटॉप और अन्य घरेलू सामान खरीदे। इसके अलावा, उसने 2.25 लाख रुपये ऑनलाइन गेम खेलने में खर्च किए और कुछ राशि से दोस्तों और सहकर्मियों के कर्ज चुकाए। पुलिस ने उसके बैंक खातों से 2.25 लाख रुपये बरामद किए हैं। पुलिस अन्य सह-षड्यंत्रकारियों की तलाश और शेष राशि की बरामदगी के लिए जांच जारी रखे हुए है। दिल्ली पुलिस ने जनता, खासकर वरिष्ठ नागरिकों और डिजिटल बैंकिंग से, अनजान लोगों को सलाह दी है कि वे अपने स्मार्टफोन और बैंकिंग विवरण को साझा करने में सावधानी बरतें। 

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