मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक सहकारी बैंक, न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक पर महत्वपूर्ण प्रतिबंध लगा दिए हैं। इसके तहत अब बैंक के ग्राहक न तो अपने खाता से पैसे निकाल सकते हैं और न ही नए लोन की सुविधा प्राप्त कर सकते हैं। यह जानकारी जैसे ही बैंक के खाता धारकों तक पहुंची, मुंबई के अंधेरी स्थित बैंक शाखा के बाहर भारी भीड़ जमा हो गई। इस स्थिति को लेकर बैंक के बाहर अफरातफरी का माहौल बन गया है।
RBI ने क्यों लिया यह कदम?
आरबीआई ने इस कदम को बैंक की वित्तीय स्थिति को ध्यान में रखते हुए उठाया है। केंद्रीय बैंक का कहना है कि यह कदम बैंक को संकट से बचाने के लिए उठाया गया है ताकि भविष्य में बैंक को डूबने से बचाया जा सके और ग्राहकों का पैसा सुरक्षित रहे। आरबीआई के अनुसार, यह निर्णय बैंक के लिक्विडिटी संकट को देखते हुए लिया गया है। लिक्विडिटी पोजीशन के कमजोर होने के कारण बैंक के खाताधारकों के पैसों की सुरक्षा को लेकर चिंताएं थीं, जिस कारण ये प्रतिबंध लगाए गए हैं।
कस्टमर्स के लिए क्या है नई स्थिति?
ग्राहकों को इस फैसले का सीधा असर हुआ है। बैंक के बाहर जमा हुए ग्राहकों को अब पैसे निकालने की अनुमति नहीं है, और उनमें से कुछ ऐसे भी हैं जिनकी हाल ही में सैलरी आई थी, लेकिन वे भी अपना पैसा नहीं निकाल पा रहे हैं। बैंक के बाहर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बैंक अधिकारी ग्राहकों को कूपन दे रहे हैं ताकि वे अपने लॉकर खोल सकें, लेकिन पैसे निकालने की अनुमति नहीं दी जा रही है। इस प्रतिबंध के चलते बैंक में जमा ग्राहकों को अगले छह महीने तक अपनी जमा राशि से कोई भी राशि निकालने की अनुमति नहीं होगी।
बीमा सुरक्षा योजना के तहत क्या मिलेगा?
आरबीआई ने इस स्थिति को देखते हुए जमाकर्ताओं को राहत देने के लिए जमा बीमा योजना की जानकारी भी दी है। बैंक में जमा 5 लाख रुपये तक की राशि पर बीमा क्लेम किया जा सकता है। इस योजना के तहत मार्च 2024 तक न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक में कुल 2436 करोड़ रुपये जमा थे। हालांकि, जमा राशि पर बीमा क्लेम करने के लिए ग्राहकों को बैंक में आवेदन करना होगा।
न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक पर कौन-कौन सी पाबंदियां लगाई गईं?
आरबीआई द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों में सबसे प्रमुख यह है कि इस बैंक से पैसे निकालने पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। इसके अलावा, बैंक को किसी भी प्रकार के लोन जारी करने की अनुमति भी नहीं है। आरबीआई का कहना है कि यह कदम बैंक की वित्तीय स्थिति को सुधारने और उसके दीर्घकालिक स्थिरता को सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। हालांकि, बैंक में किसी भी प्रकार की नई जमा राशि की प्राप्ति पर कोई रोक नहीं है, और ग्राहकों को अपनी जमा राशि जमा करने में कोई समस्या नहीं होगी।
आखिर क्यों उठाया गया यह कदम?
आरबीआई ने इस बैंक की लिक्विडिटी स्थिति को देखते हुए यह कदम उठाया है। यह फैसला उस स्थिति से बचने के लिए लिया गया है जिसमें बैंक अपनी भुगतान क्षमता से बाहर हो सकता था और इससे ग्राहकों का पैसा डूबने का खतरा हो सकता था। आरबीआई का मानना है कि इस तरह की कार्रवाइयों से बैंक की स्थिरता बनी रहेगी और भविष्य में किसी प्रकार का वित्तीय संकट उत्पन्न नहीं होगा।