सेंट्रल डेस्क : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 9 अक्टूबर को अपनी नयी मौद्रिक नीति की घोषणा की है, तीन दिवसीय बैठक के बाद, RBI ने लगातार दसवीं बार बेंचमार्क रेपो दर को 6.5% पर बनाए रखने का फैसला किया। वित्त वर्ष 2025 के लिए जीडीपी वृद्धि का पूर्वानुमान 7.2% पर बना हुआ है, और मुद्रास्फीति का पूर्वानुमान 4.5% पर स्थिर है।
बाजार में क्या हुआ असर
घोषणा के बाद, भारतीय शेयर बाजारों में सकारात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिली, सेंसेक्स 648.39 अंक (0.79%) बढ़कर 82,283.20 पर पहुंच गया, जबकि निफ्टी 50 210.25 अंक (0.84%) बढ़कर 25,223.40 पर पहुंच गया। बैंक निफ्टी भी 1% से अधिक बढ़कर 51,468.70 पर पहुंच गया है।
नई भुगतान सुविधाएं
RBI RTGS और NEFT सिस्टम के लिए एक ऐसी सुविधा शुरू करने की योजना बना रहा है, जो पैसे भेजने से पहले, भेजने वाले को प्राप्तकर्ता का नाम वेरीफाई करने की अनुमति दे सके, इसका उद्देश्य लेन-देन में हो रही गलतियों और धोखाधड़ी को कम करना है।
UPI अपडेट
इस बैठक के बाद RBI ने लेन-देन की सीमा में वृद्धि की भी घोषणा की है
RBI ने UPI 1 2 3 Pay के लिए प्रति-लेनदेन सीमा को 5,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये करने का प्रस्ताव रखा है। इसके अतिरिक्त, UPI लाइट वॉलेट की सीमा को 2,000 रुपये से बढ़ाकर 5,000 रुपये कर दिया गया है, और व्यक्तिगत UPI लाइट के लिए प्रति-लेनदेन सीमा को भी 100 रुपये से बढ़ाकर 500 रुपये कर दिया गया है।
ग्लोबल कॉन्टेक्स
वैश्विक अर्थव्यवस्था ने लचीलापन दिखाया है, हालांकि कई राजनीतिक संघर्षों, वित्तीय बाजार अस्थिरता और उच्च सार्वजनिक ऋण से जोखिम हैं। मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र काफी धीमा हो रहा है, लेकिन सर्विस इंडस्ट्री अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं। विश्व में महंगाई कम होती दिख रही है, जिसका मुख्य कारण एनर्जी की कम कीमतें हैं।