नई दिल्ली। Why do we celebrate Republic Day on 26 January? : आज यानी 26 जनवरी को भारत गणतंत्र दिवस (Republic Day) की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है। इस समय लोग काफी उत्साह और खुशी से इस दिन को सेलिब्रेट कर रहे हैं। यह देश के सबसे महत्त्वपूर्ण राष्ट्रीय समारोह में से एक माना जाता है।
बता दें कि परेड की शुरुआत रायसीना हिल्स से होती है और वह राजपथ, इंडिया गेट से गुजरती हुए लालकिला तक जाती है। तो सवाल यह उठता है कि आखिरकार 26 जनवरी को ही हम क्यों गणतंत्र दिवस मनाते हैं। दरअसल, भारत में 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाने का कारण बहुत ही ऐतिहासिक है और इस दिन का विशेष महत्व और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि है। यह साल 1950 में हुआ एक महत्वपूर्ण कारण द्वारा, जिसने भारतीय संविधान को अमल में लाया और देश को एक गणराज्य बनाया। आइए इसको विस्तार से समझते हैं।
गणतंत्र दिवस (Celebrate Republic Day) का महत्व
गणतंत्र दिवस वह दिन है, जब भारत ने अपना संविधान लागू किया और स्वतंत्रता की खोज में एक समृद्धि और सामरिकता से भरा एक गणराज्य बनाने का संकल्प लिया। इस दिन की शुरुआत संभावना और स्वतंत्रता के सपनों की एक नई शुरुआत को दर्शाती है, जिसने एक नए भारत की नींव रखी।
26 जनवरी को क्यों चुना गया गणतंत्र दिवस?
15 अगस्त, 1947 को भारत को स्वतंत्र राष्ट्र का दर्जा मिल गया था। लेकिन Republic Day का चयन 26 जनवरी को किया गया, क्योंकि इसी दिन 1950 में भारतीय संविधान को पूर्णता से लागू किया गया था और भारत को लोकतांत्रिक और गणतंत्र राज्य घोषित किया था। यह दिन देश के लिए अद्वितीय है क्योंकि इस दिन ही भारत गणराज्य घोषित हुआ और लोगों को स्वतंत्रता का अहसास हुआ कि वे अपने भविष्य को खुद मोल रहे हैं।
दरअसल, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 1929 में लाहौर अधिवेशन में ‘पूर्ण स्वराज’ का प्रस्ताव पारित किया और इसी दिन, 26 जनवरी 1930 को पहली बार स्वतंत्रता दिवस मनाया गया। अधिकारिक रूप से स्वतंत्रता मिलने के बाद, 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) की घोषणा की गई थी। डॉ आंबेडकर को भारतीय संविधान बनाने का कार्यभार सौंपा गया था।
डॉ आंबेडकर ने संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ राजेंद्र प्रसाद को 26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान सौंप दिया। लेकिन 26 जनवरी की महत्ता मद्देनजर रखते हुए इसी दिन साल 1950 में संविधान लागू किया गया, जिसके बाद 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस घोषित किया गया। लेकिन इसे लागू करने के लिए दो महीने की देरी की गई।
तर्क दिया गया कि 26 जनवरी के ‘पूर्ण स्वराज’के ऐलान के महत्व को कायम रखने के लिए संविधान को दो महीने बाद लागू किया गया। इस तरह 26 नवंबर 1949 की जगह 26 जनवरी 1950 को पहला गणतंत्र दिवस मनाया गया। इस तरह, इस दिन का चयन भारतीय इतिहास की महत्वपूर्ण घटनाओं में होता है।
Republic Day: भारतीय संविधान का अमल
गणतंत्र दिवस यानी की Republic Day के दिन, 26 जनवरी 1950, भारत ने अपना संविधान अमल में लाया जिससे देश एक सशक्त और समृद्धि युक्त गणराज्य बना। इस संविधान ने नागरिकों को समानता, न्याय, स्वतंत्रता, और बंधुत्व का अधिकार प्रदान किया, जिससे उन्हें स्वतंत्रता का एक सही रूप मिला।
Republic Day का चयन
26 जनवरी का चयन गणतंत्र दिवस के रूप में किया गया क्योंकि इस दिन देश ने एक नया युग आरंभ किया था। इस दिन देश ने विशेष रूप से संविधान को अपनाकर स्वतंत्रता की यात्रा में एक नए मोड़ पर खड़ा हो गया था।
प्रधानमंत्री नेहरू का भूमिका
पंडित जवाहरलाल नेहरू ने गणतंत्र दिवस को एक सामाजिक समारोह के रूप में मनाने का प्रस्ताव दिया था, जिससे लोगों को राष्ट्रीय एकता और समृद्धि की भावना को मजबूत करने का उत्साह मिलता है। उन्होंने यहाँ तक कहा कि गणतंत्र दिवस को “गणतंत्र की पहचान और उच्चतम आदर्शों की स्मृति बनाए रखने का एक दिवस” मानना चाहिए। इससे न केवल व्यक्ति का रूढ़िवाद और राष्ट्रभक्ति में वृद्धि होती है, बल्कि समाज में एक सशक्त और संबलित भारत की ऊर्जा को भी बढ़ावा मिलता है। नेहरू जी का यह सुझाव सामूहिक सहमति से स्वीकृत हुआ और गणतंत्र दिवस ने एक सांस्कृतिक और राष्ट्रीय महत्वपूर्णता का माहौल बनाया।
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