जमशेदपुर: बिष्टुपुर के गोपाल मैदान में रविवार को गणतंत्र दिवस के मौके पर आयोजित शानदार प्रोग्राम में शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने तिरंगा फहराया, परेड की सलामी ली और अपने संबोधन में राज्य की हेमंत सरकार की उपलब्धियां की गिनाईं। रामदास सोरेन ने देश की आजादी में कुर्बानी देने वालों को नमन भी किया। रामदास सोरेन ने कहा कि देश की आजादी में झारखंड के वीर शहीदों ने भी अपनी जान की आहुति दी थी। झारखंड के निर्माण में भी यहां के वीर शहीदों ने खून बहाया है। इसलिए उनके सपनों का झारखंड बनाना हमारा कर्तव्य है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि शहीदों के सपनों का झारखंड बनाने के लिए सरकार ने कई योजनाएं लागू की हैं। कुपोषित बच्चों के उपचार के लिए योजना लागू है।
609 कुपोषित बच्चे किए गए ठीक
इस योजना में साल अब तक 609 कुपोषित बच्चों को पोषित किया गया। पूर्वी सिंहभूम का इस योजना में राज्य में दूसरा स्थान है। संस्थागत प्रसव में भी अपने जिले का अच्छा स्थान है। मुख्यमंत्री गंभीर बीमार उपचार योजना में चालू वित्तीय साल में 146 लाभुकों को लाभ दिया गया। झारखंड में खाद्य सुरक्षा अधिनियम अक्टूबर 2015 में लागू हुआ। इसके तहत पूर्वी सिंहभूम जिले में 4 लाख 44 हजार 867 परिवार को खाद्यान्न ने दिया जा रहा है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि जैक बोर्ड की परीक्षा में भी पिछले साल पूर्वी सिंहभूम ने अच्छा स्थान हासिल किया था। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में पूर्वी सिंहभूम निरंतर आगे बढ़ेगा।
परेड में एनसीसी गर्ल्स की टीम रही
अव्वल गणतंत्र दिवस की परेड में एनसीसी गर्ल्स की प्लाटून अव्वल रही। दूसरा स्थान जिला सशस्त्र पुलिस के पुरुष वर्ग की प्लाटून को मिला। जिला सशस्त्र पुलिस की महिला प्लाटून को तीसरा स्थान मिला है। परेड में जैप 6, गृह रक्षा वाहिनी, एनसीसी बॉयज, स्काउट एंड एंड गाइड गर्ल्स ने हिस्सा लिया।
परिवहन विभाग की झांकी को मिला पहला स्थान
परेड के बाद झांकी निकाली गई। झांकी में पहला स्थान परिवहन विभाग की झांकी को मिला। दूसरा स्थान सिविल डिफेंस की झांकी को दिया गया। कल्याण विभाग की झांकी तीसरे स्थान पर रही। परिवहन विभाग की झांकी, राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह को लेकर निकाली गई थी। इस झांकी में यातायात के नियमों का पालन करने का संदेश बेहतर ढंग से दिया गया था। झांकी में कई हादसे दिखाए गए थे और यह बताया गया कि हादसे किस तरह होते हैं और यातायात के नियमों का उल्लंघन करते हुए तेज रफ्तार गाड़ी चलाने से दुर्घटनाएं होती हैं।
सेना केअधिकारियों को भी किया गया सम्मानित
इसके बाद सेवा के अधिकारियों को सम्मानित किया गया। पूर्व एयर कमोडोर बीएस मारवा को सम्मानित किया गया। 1917 के भारत पाक युद्ध के दौरान एयर कमोडोर भूपेंद्र सिंह मारवा फ्लाइट लेफ्टिनेंट के रूप में बागडोगरा एयर फोर्स स्टेशन पर तैनात थे। उन्होंने पाकिस्तान वायु सेना को रोकने के लिए 26 लाइव मिशन उड़ाए थे। उन्हें 1972 में वायु पदक वीरता से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा पूर्व कर्नल डॉक्टर अरुप रतन बसु, कर्नल राजेश सिंह की मां सावित्री सिंह, जूनियर वारंट ऑफिसर मोहम्मद जावेद, पूर्व सिपाही गणेश हांसदा की मां कापरा हांसदा और सिपाही दिलीप बेसरा की मां फूलमती बेसरा को सम्मानित किया गया।
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