RANCHI : झारखंड के सबसे बड़े सरकारी हॉस्पिटल रिम्स के ऑन्कोलॉजी विभाग में मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए अब इमरजेंसी सेवा शुरू करने की तैयारी है। इस दिशा में रिम्स प्रबंधन ने काम तेज कर दिया है। इसके साथ ही विभाग में बेड की संख्या और मैनपावर बढ़ाने के लिए भी प्रक्रिया जारी है। इसके बाद एक ही छत के नीचे कैंसर मरीजों को सारी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी।
10 महीने में 11 हजार मरीज
ऑन्कोलॉजी विभाग के वार्षिक आंकड़ों पर नजर डालें तो 2025 में अब तक ओपीडी में 10,959 मरीज इलाज के लिए आए। वहीं इनडोर में 3,900 मरीजों का इलाज किया गया। वहीं 627 मरीजों के मेजर ऑपरेशन और 1,451 मरीजों के माइनर ऑपरेशन किए गए। इसके अलावा 118 सर्जरी आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत की गई हैं। यह आंकड़े बता रहे हैं कि रिम्स कैंसर के इलाज में अहम भूमिका निभा रहा हैं।
मरीजों को मिल रहीं ये सुविधाएं
रिम्स में कैंसर रोगियों को सामान्य कीमोथेरेपी दवाएं निःशुल्क उपलब्ध कराई जाती हैं। कैंसर सर्जरी के लिए आवश्यक दवा और जरूरी चीजें भी रिम्स ही उपलब्ध कराता है। वहीं मोनोक्लोनल एंटीबॉडी और इम्यूनोथेरेपी जैसी उन्नत दवाएं, जो आयुष्मान भारत योजना में शामिल नहीं हैं, चुनिंदा मरीजों को केस-टू-केस आधार पर मुफ्त दी जा रही हैं। इसके अलावा कीमोथेरेपी से पहले की सभी टेस्ट रिम्स में ही की जाती हैं। जल्द ही रिम्स में पेट स्कैन और हायर मॉलिक्युलर एंटी बॉडीज या इम्यूनोहिस्टो केमिस्ट्री शुरू करने की दिशा में कदम उठाए गए हैं। रिम्स की गवर्निंग बॉडी ने निर्णय लिया है कि पेट स्कैन सुविधा को पीपीपी मोड के तहत शुरू किया जाएगा।
मैनपावर से मरीजों को मिलेगी बेहतर सुविधा
वर्तमान में ऑन्कोलॉजी विभाग में चार फैकल्टी सदस्य कार्यरत हैं। इनमें दो रेडिएशन ऑन्कोलॉजी और दो सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विशेषज्ञ शामिल हैं। मेडिकल ऑन्कोलॉजी के लिए भी भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई है और विज्ञापन जारी किया गया है। रिम्स प्रशासन का कहना है कि विशेषज्ञों की संख्या बढ़ने से कैंसर मरीजों को और बेहतर इलाज मिल सकेगा। बता दें कि रिम्स केवल झारखंड ही नहीं, बल्कि पश्चिम बंगाल, बिहार, छत्तीसगढ़ और ओडिशा जैसे पड़ोसी राज्यों के कैंसर मरीजों के लिए भी उपचार का प्रमुख केंद्र बन चुका है।
24 घंटे चालू रहेगी इमरजेंसी
विभाग में पैथोलॉजिकल परीक्षण, जैसे कि इम्यूनोहिस्टोकेमिस्ट्री और म्यूटेशन विश्लेषण (पैथोलॉजी एवं जेनेटिक्स एंड जीनोमिक्स विभाग के माध्यम से) शुरू करने की प्रक्रिया जारी है। रिम्स प्रबंधन का लक्ष्य है कि जल्द ही विभाग में 24 घंटे इमरजेंसी ऑन्कोलॉजी सेवा प्रारंभ की जाए, ताकि कैंसर मरीजों को किसी भी समय त्वरित इलाज उपलब्ध कराया जा सके।


