RANCHI (JHARKHAND): रिम्स में अव्यवस्था मामले में मंगलवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने पूछा कि हॉस्पिटल में इतनी अव्यवस्था क्यों है। वहीं मशीनों की खरीदारी क्यों नहीं हो रही है। इस पर डायरेक्टर ने बताया कि विभागीय मंत्री ने निर्देश दिया है कि मुझसे बिना अनुमति के मशीनों की खरीदारी नहीं होगी। जबकि पिछली सुनवाई में एजी की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि उन्होंने किसी भी इक्विपमेंट की खरीदारी पर कोई रोक नहीं लगाई है। अब बुधवार को हाईकोर्ट ने एजी को भी बुलाया है। बता दें कि हाईकोर्ट ने रिम्स प्रबंधन को 11 अगस्त तक एफिडेविट के माध्यम से जवाब देने को कहा था। इसके बाद प्रबंधन ने एफिडेविट जमा कराया है।
प्रबंधन ने बताया कारण
कोर्ट में दिए गए जवाब में प्रबंधन की ओर से बताया गया है कि स्वास्थ्य मंत्री सह रिम्स जीबी के अध्यक्ष के पास फाइलें भेजी जाती है जो लंबे समय के बाद रिम्स में वापस भेज दी जाती है। इस वजह से भी काम करने में परेशानी आ रही है। इसकी पूरी डिटेल्स प्रबंधन ने अपनी रिपोर्ट में दी है। साथ ही बताया कि दैनिक रूप से इस्तेमाल की जाने वाली जरूरी दवाएं और सामान ही खरीद सकते है। बाकी भारी सामान और मशीनों की खरीदारी के लिए मंत्री से अनुमति लेनी होगी।
क्या लिखा है मंत्री के पत्र में
कोर्ट में जमा कराया गया एक पत्र मंत्री का भी है। जिसमें उन्होंने डायरेक्टर को लिखा है कि सिविल कार्यों और उच्च क्षमता वाले आधुनिक मशीन उपकरणों की खरादीरी की जाती रही है। उक्त कार्य और मशीन उपकरणों की गुणवत्ता की भी समीक्षा किया जाना अति आवश्यक है। सिविल कार्यों और मशीन उपकरणों की अधोहस्ताक्षरी द्वारा समीक्षा के बाद आदेश मिलने पर ही राशि का भुगतान किया जाए। आपात स्थिति में मशीन खरीदारी और निर्माण कार्य आरंभ करने के पूर्व अधोहस्ताक्षरी की अनुमति प्राप्त कर ली जाए। रिम्स के सुगम संचालन के लिए दैनिक कार्यों के लिए अति आवश्यक सामग्रियों और दवा की खरीदारी व मरम्मत के लिए अनुमोदन की आवश्यकता नहीं है।
टीम ने सौंपी है रिपोर्ट
हाईकोर्ट की टीम ने पिछले हफ्ते रिम्स के कई विभागों का निरीक्षण कर अपने रिपोर्ट सौंप दी थी। जिसमें टीम ने बताया था कि हॉस्पिटल की स्थिति दयनीय है। विभागों में इक्विपमेंट्स खराब पड़े है। इस पर कोर्ट ने भी सचिव और डायरेक्टर को कोर्ट में सशरीर हाजिर होने को कहा था। इसके बाद से लगातार कोर्ट में सुनवाई जारी है।
रिम्स में नियुक्ति प्रक्रिया की जांच, पूर्व कमिटी को शोकॉज
रिम्स में 2019 में जारी विज्ञापन संख्या-955(सी) के तहत की गई नियुक्तियों को लेकर उठे विवादों पर हाईकोर्ट के निर्देश के बाद जांच प्रक्रिया तेज कर दी गई है। कोर्ट द्वारा पारित आदेश एलपीए 565/2022 के अनुपालन में गठित समिति ने नियुक्ति प्रक्रिया में हुई कई अनियमितताओं पर अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। समिति की जांच में यह सामने आया कि चयन प्रक्रिया में आरक्षण रोस्टर का स्पष्ट पालन नहीं किया गया। विभिन्न कैटेगरी के लिए सीटों का विवरण विज्ञापन में नहीं दिया गया था। साथ ही कार्य अनुभव प्रमाण पत्रों की वैधता पर भी प्रश्न उठे हैं, क्योंकि विज्ञापन में प्रमाण पत्र निर्गत करने वाले सक्षम पदाधिकारी का स्पष्ट उल्लेख नहीं था। प्रशासन ने सभी संबंधित अधिकारियों से उक्त बिंदुओं पर स्पष्टीकरण मांगा है ताकि उच्च न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए जांच को समय पर पूर्ण किया जा सके।
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