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जदयू नेता के केस में राजद नेता शिवानंद तिवारी को 1 साल जेल की सजा, जानें क्या था मामला

by Rakesh Pandey
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बिहार डेस्क: कहा जाता है कमान से अगर तीर छूट जाए तो वापस नहीं लिया जा सकता। राष्ट्रीय जनता दल के वरीय नेता शिवानंद तिवारी के मुंह से निकले बोल का कुछ ऐसा ही मामला है। पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के करीबी व पूर्व सांसद शिवानंद तिवारी को एमपी-एमएलए कोर्ट ने एक साल लजेल की सजा सुनाई है एक साल की जेल की साल जेल की सजा सुनाते हुए 10 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। यह सजा उन्हें वर्ष 2018 में दर्ज कराए गए मानहानि (Defamation) के मामले में सुनाई गई है।

सजा के साथ थोड़ी राहत भी

कोर्ट ने सजा सुनाने के बाद थोड़ी राहत भी दी है। शिवानंद तिवारी के वकील की अर्जी पर कोर्ट ने 21 दिनों का प्रोविजनल बेल दे दिया है। पूर्व सांसद शिवानंद तिवारी के खिलाफ मानहानि का मामला 2018 में दर्ज किया गया था। आरोप यह था कि उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और मंत्री संजय झा पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। न्यायिक दंडाधिकारी ने तमाम गवाहों और सबूतों के आधार पर मानहानि के इस मामले में पूर्व सांसद को दोषी पाया। इसके बाद मंगलवार को उन्हें सजा सुनाई गई।

मंत्री संजय झा की ओर से पेश हुए सात गवाह

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और मंत्री संजय झा पर आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद मंत्री संजय झा ने साल 2018 में पूर्व सांसद शिवानंद तिवारी पर मानहानि का केस दर्ज कराया था। संजय झा ने आरोप लगाया था कि शिवानंद तिवारी की टिप्पणी की वजह से समाज में उनकी प्रतिष्ठा धूमिल हुई और इस कारण मानसिक परेशानी भी उठानी पड़ी। संजय कुमार झा की ओर से विशेष कोर्ट में सात गवाह पेश किए गए। विशेष कोर्ट ने आरोपी शिवानंद तिवारी पर भारतीय दंड संहिता की धारा 500 के तहत संज्ञान लिया था। दोनों पक्ष की सुनवाई के बाद कोर्ट ने मंगलवार को अपना फैसला सुनाया।

प्रेस वार्ता के दौरान पूर्व सांसद ने कहे थे अपशब्द

यह मामला साल 2018 में हुआ था। जदयू के नीतीश कुमार मुख्यमंत्री और संजय झा मंत्री थे। उस समय राजद विपक्ष में था। एक संवाददाता सम्मेलन में अपनी बात रखते हुए पूर्व सांसद शिवानंद तिवारी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और संजय झा के बीच के रिश्तों पर कटाक्ष करते हुए अपशब्दों का प्रयोग किया था। मामले ने तूल पकड़ा और सियासी घमासान मच गया था। मीडिया व पॉलिटिकल पार्टियों में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया। संजय झा की ओर से मामले में मानहानि का केस दायर कर दिया गया।

और क्या कहा कोर्ट ने

मुख्य न्यायाधीश ने फैसले में यह भी कहा कि शिवानंद तिवारी के बयान से संजय झा की प्रतिष्ठा को धक्का पहुंचा है, उनकी इज्जत को बट्टा लगा है। कोर्ट ने कहा कि शिवानंद तिवारी के बयानों से समाज में अशांति फैली और यह अवमानना का का मामला है।

बदले राजनीतिक हालात में क्या होगा असर

मानहानि का यह मामला उस समय हुआ था जब नीतीश कुमार सत्ता में थे और लालू प्रसाद यादव के नेतृत्व वाला राजद विपक्ष में। पक्ष-विपक्ष में आरोप-प्रत्यारोप तो लगते ही रहते हैं। वर्तमान में मुख्यमंत्री तो नीतीश कुमार ही हैं लेकिन राजद भी उनके साथ सत्ता में सहभागी है। ऐसे में यह फैसला सियासी परिदृश्य में उलझाने का कारण बन सकता है।

क्या कहा शिवानंद तिवारी ने

संजय झा के साथ नीतीश कुमार के रिश्तों पर आपत्तिजनक बयानबाजी 2018 में की गई थी। उस समय दर्ज कराए गए मानहानि के केस में पूर्व सांसद शिवानंद तिवारी को अब सजा सुनाई गई है। सजा सुनाए जाने के साथ ही सियासी सुगबुगाहट शुरू हो गई है। इससे सियासी दलों के बीच नए विवादों की उत्पन्न होने की संभावना है। तिवारी की नेतृत्व में राजद पार्टी को भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इसके बावजूद, शिवानंद तिवारी ने यह कहा है कि उनका इरादा सिर्फ सत्य की बातें सामने लाना था और वे इस फैसले का समर्थन करेंगे।

संजय झा ने क्या कहा कोर्ट में

संजय झा ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के सामने अपना मुकदमा दर्ज कराने के बाद इस विचार को रखा कि व्यक्तिगत स्तर पर इस तरह की घातक बयानबाजी को बढ़ावा नहीं देना चाहिए ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। उनके मुताबिक, इससे सामाजिक और राजनीतिक माहौल में एक उदाहरण प्रस्तुत किया जा सकता है। इसमें कोर्ट का फैसला यह साबित करता है कि किसी भी राजनीतिक नेता को बयानबाजी करते समय सत्य और तथ्यों का पालन करना चाहिए, ताकि सही जानकारी मिले और घटनाओं को सही समय पर और सही दृष्टिकोण से देखा जा सके।

कौन हैं शिवानंद तिवारी

शिवानंद तिवारी बिहार के भोजपुर जिले के एक प्रमुख राजनेता हैं। वह किसी समय जनता दल (यूनाइटेड) में ही थे। वे जद (यू) के महासचिव और प्रवक्ता भी रहे हैं। 27 फरवरी 2014 को उन्हें राज्यसभा के लिए फिर से नामांकन से वंचित कर दिया गया था। पार्टी के चार अन्य लोकसभा सदस्यों के साथ जनता दल गुट से निष्कासित कर दिया गया। इसके बाद वह लालू प्रसाद यादव की राजद में फिर से शामिल हो गए। शिवानंद तिवारी का जन्म 1943 को बिहार के रामदिहरा, भोजपुर में हुआ था।

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