पटना : बिहार की राजनीति में एक बार फिर से बाहुबली नेता और विवादों में घिरे राजद विधायक रीतलाल यादव चर्चा में हैं। रंगदारी और हत्या की धमकी के मामले में पुलिस और विशेष कार्यबल (STF) की ओर से पटना स्थित उनके 11 ठिकानों पर शुक्रवार को ताबड़तोड़ छापेमारी की गई। इस कार्रवाई के बाद विधायक फरार हो गए हैं और पुलिस की टीम उनकी तलाश में जुटी हुई है। अभी तक उनका कोई अता-पता नहीं चल पाया है।
अंडरग्राउंड हुए विधायक, पुलिस की प्राथमिकता गिरफ्तारी
राजद विधायक रीतलाल यादव के कई ठिकानों पर छापेमारी के बाद वे अंडरग्राउंड हो चुके हैं। पुलिस का कहना है कि गिरफ्तारी ही प्राथमिकता है, ताकि उनसे पूछताछ कर केस को आगे बढ़ाया जा सके। वहीं, अब मामले की वित्तीय जांच भी तेज कर दी गई है और आर्थिक अपराध इकाई (EOU) को संबंधित दस्तावेज और डिजिटल डाटा की जांच के लिए पत्र भेजने की प्रक्रिया चल रही है।
छापेमारी में बरामद हुए 10 लाख नकद, ब्लैंक चेक और डिजिटल साक्ष्य
छापेमारी के दौरान पुलिस ने 10 लाख से अधिक नकद, ब्लैंक चेक, कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और पेन ड्राइव बरामद किए हैं। सूत्रों के अनुसार, अब इनकम टैक्स विभाग भी सक्रिय हो गया है और विधायक के बैंक खाते, चल-अचल संपत्तियों और निवेश की जांच शुरू की गई है।
मनी लॉन्ड्रिंग की जांच संभव, संपत्ति जब्ती की तैयारी
प्राथमिक जांच में आशंका जताई जा रही है कि अपराध से अर्जित धन को विधायक ने वैध बनाने का प्रयास किया। अगर जांच में इसकी पुष्टि होती है, तो मनी लॉन्ड्रिंग के तहत प्राथमिकी दर्ज की जा सकती है और इसके बाद संपत्तियों की जब्ती की कार्रवाई भी शुरू की जाएगी।
रीतलाल यादव का पलटवार : AK-47 रखकर फंसाने की साजिश
विधायक रीतलाल यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट के माध्यम से अपने ऊपर हुई कार्रवाई को साजिश करार दिया है। उन्होंने दावा किया कि, इस कार्रवाई का असली मकसद मेरे घर में AK-47 या AK-56 जैसे प्रतिबंधित हथियार रखकर मुझे फंसाना था।
पत्नी का गंभीर आरोप : हत्या या एनकाउंटर की थी साजिश
वहीं, विधायक की पत्नी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि पुलिस की मंशा रीतलाल यादव की हत्या या एनकाउंटर करने की थी। यह सब एक सोची-समझी साजिश के तहत किया जा रहा है।