रांची: शहर में पानी की समस्या से निपटने के लिए रांची नगर निगम ने योजना तैयार की थी। वहीं अमृत योजना के तहत जल आपूर्ति की स्थिति को सुधारने के लिए बड़े पैमाने पर प्रयास शुरू किए गए। इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में पानी की किल्लत को दूर करना और नागरिकों को स्वच्छ जल प्रदान करना है। लेकिन यह योजना पूरी तरह धरातल पर उतर नहीं पा रही हैं। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है पाइपलाइन बिछाने का काम भी पूरा नहीं हो पाया है। इतना ही नहीं कनेक्शन किए जाने के बावजूद आधे लोगों को पानी ही नहीं मिल पाया है। जिससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है।
30 हजार कनेक्शन ड्राई
इस योजना के तहत रांची में 1 लाख वाटर कनेक्शन देने का लक्ष्य तय किया था। लेकिन अब तक केवल 60 हजार लोगों को ही वाटर कनेक्शन मिल पाया है। जबकि कई स्थानों पर पानी की किल्लत बढ़ी हुई है और लोगों को पानी मिलने में परेशानी हो रही है। लोगों का कहना है कि इनमें से आधे कनेक्शन ऐसे हैं जहां पानी की सप्लाई शुरू नहीं हो पाई है, क्योंकि पाइपलाइन में कई तकनीकी समस्याएं आ रही हैं।
एनओसी नहीं मिलने से परेशानी
राजधानी में पाइपलाइन बिछाने का कार्य जुडको के निगरानी में किया जा रहा है, लेकिन वाटर सप्लाई की समस्याएं अब भी बनी हुई हैं। जुडको द्वारा पाइपलाइन बिछाने का काम तो चल रहा है, लेकिन इसके बावजूद कई घरों में पानी पहुंचने में परेशानी आ रही हैं। इसके अलावा एनओसी (नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट) के चक्कर में भी वाटर सप्लाई अटकी हुई हैं। जल आपूर्ति में देरी का मुख्य कारण यह भी है कि एनओसी नहीं मिलने के कारण पानी टंकी से पाइपलाइन में कनेक्शन नहीं हो पा रहा है।
गर्मी में मिलती राहत
वाटर कनेक्शन घरों में पहुंचने के बाद लोगों को उम्मीद थी अब उन्हें पानी मिल जाएगा। लेकिन इस भीषण गर्मी में भी लोगों को पानी के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। घरों के बाहर लगे नल को बस लोग निहार रहे हैं इस उम्मीद में कि उससे पानी आ जाए। लेकिन अब इंतजार करने के अलावा लोगों के पास दूसरा कोई चारा नहीं है। लोग पानी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इस मुद्दे पर लोगों का कहना है कि उन्हें कनेक्शन तो मिल गए हैं, लेकिन पानी के बिना कनेक्शन का कोई महत्व नहीं है।