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Delhi Road Accident : दिल्ली में सड़क हादसों में साल के पहले पांच महीनों में हुई रोजाना 4 मौतें

by Rakesh Pandey
delhi accident
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  • 2025 के पहले पांच महीनों में 577 लोगों की ली जान
  • घातक हादसों में आई 15% की कमी, लेकिन घायलों की संख्या में वृद्धि

नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस के ताजा आंकड़ों के अनुसार, 2025 के पहले पांच महीनों (जनवरी से मई) में राष्ट्रीय राजधानी में सड़क हादसों ने 577 लोगों की जान ले ली है, जो रोजाना औसतन चार मौतों के बराबर है। हालांकि, पिछले साल की समान अवधि की तुलना में घातक हादसों की संख्या में करीब 15% की कमी आई है, फिर भी घायलों की संख्या में वृद्धि दर्ज की गई है।

आंकड़ों में हादसों और घायलों का विवरण

दिल्ली पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी से मई 2025 तक 2,235 सड़क हादसे दर्ज किए गए, जिनमें 577 लोगों की मौत और 2,187 लोग घायल हुए। वैसे यह संख्या 2024 की समान अवधि के 2,322 हादसों और 652 मौतों से कम है। हालांकि, घायलों की संख्या 2024 के 2,106 से बढ़कर 2,187 हो गई। इसमें मार्च 2025 सबसे घातक महीना रहा, जिसमें 137 घातक हादसों में 139 लोगों की मौत हुई। अप्रैल में 91 घातक हादसे हुए, लेकिन 476 लोग घायल हुए, जो गाडि़यों के बीच या गाड़ियों के किसी चीज से हाई इंपैक्ट वाले टकरावों का संकेत देते हैं। मई 2025 में 458 हादसे दर्ज किए गए, जिनमें 100 घातक हादसों में 107 मौतें और 458 लोग घायल हुए। पिछले साल मई में 447 हादसे और 125 घातक हादसों में 127 मौतें हुई थीं।

घातक हादसों में आई कमी, घायलों की संख्या में हुआ इजाफा

2025 में घातक हादसों की संख्या 13.5% कम हुई, जो 2024 में 643 से घटकर 556 हो गई। इसके बावजूद, गैर-घातक हादसों की गंभीरता में बदलाव के कारण घायलों की संख्या बढ़ी। मामूली चोटों वाले हादसे 2024 में 1,634 से बढ़कर 2025 में 1,654 हो गए, जबकि बिना किसी चोट वाले हादसे 45 से घटकर 25 रह गए हैं। मई के पहले 15 दिनों में ही 54 घातक हादसों में 56 लोगों की मौत हुई, जो पिछले साल के 71 हादसों और 72 मौतों से कम है।

हाल के दिनों में हुए कुछ सड़क हादसे

जून माह में हाल में हुए कुछ हादसों में 16 जून को दिल्ली के कापसहेड़ा इलाके में एक तेज रफ्तार ट्रक ने ड्यूटी पर जा रहे दिल्ली पुलिस के कांस्टेबल कर्मवीर को टक्कर मार दी, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए। पुलिस ने ट्रक चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इसके अलावा, 15 जून को वसंत कुंज में एक हिट-एंड-रन मामले में 27 वर्षीय मोटरसाइकिल सवार की मौत हो गई। पुलिस ने कार चालक को गिरफ्तार कर लिया है।

पुलिस ने 94.7% मामलों में डीएआर दाखिल की

दिल्ली पुलिस ने 2021 से 2025 (30 अप्रैल तक) के बीच 6,341 घातक हादसों में से 94.7% मामलों में विस्तृत दुर्घटना रिपोर्ट (डीएआर) दाखिल की हैं, जो मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (एमएसीटी) के लिए मुआवजा प्रक्रिया को आसान बनाती हैं। 2025 में 30 अप्रैल तक 298 घातक हादसों के लिए 434 डीएआर दाखिल किए गए, जो पिछले मामलों का समाधान किया गया है।

दिल्ली ट्रैफिक पुलिस द्वारा सड़क सुरक्षा के लिए नई पहल का परिणा

दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के स्पेशल सीपी अजय चौधरी ने कहा कि घातक हादसों में 15% की कमी सड़क सुरक्षा में प्रगति को दर्शाती है। लक्षित प्रवर्तन, जागरूकता अभियान, और ब्लैक स्पॉट्स पर केंद्रित कर चलाए गए जागरूकता अभियानों ने इस दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिए हैं। पुलिस ने सड़क सुरक्षा ऑडिट और नागरिक एजेंसियों के साथ समन्वय बढ़ाया है। इसके अलावा, ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्ती और ब्लैक स्पॉट्स पर सुधार के प्रयास जारी हैं। आने वाले महीनों में और कमी की उम्मीद है।

अभी भी है कई चुनौतियां और आगे की राह

रोड सेफ्टी से जुड़े विशेषज्ञों के अनुसार हादसों में घायलों की बढ़ती संख्या और रोजाना चार मौतें दिल्ली में सड़क सुरक्षा की गंभीर स्थिति को उजागर करती हैं। तेज गति, ड्राइवर की थकान, और ट्रैफिक नियमों की अनदेखी हादसों के प्रमुख कारण हैं। दिल्ली पुलिस और प्रशासन के लिए सड़कों को सुरक्षित बनाने और हादसों को कम करने की चुनौती बरकरार है। नागरिकों से भी अपील की जा रही है कि वे ट्रैफिक नियमों का पालन करें और सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक रहें।-

दिल्ली पुलिस के ताजा आंकड़ों के अनुसार, 2025 के पहले पांच महीनों (जनवरी से मई) में राष्ट्रीय राजधानी में सड़क हादसों ने 577 लोगों की जान ले ली है, जो रोजाना औसतन चार मौतों के बराबर है। हालांकि, पिछले साल की समान अवधि की तुलना में घातक हादसों की संख्या में करीब 15% की कमी आई है, फिर भी घायलों की संख्या में वृद्धि दर्ज की गई है।

आंकड़ों में हादसों और घायलों का विवरण

दिल्ली पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी से मई 2025 तक 2,235 सड़क हादसे दर्ज किए गए, जिनमें 577 लोगों की मौत और 2,187 लोग घायल हुए। वैसे यह संख्या 2024 की समान अवधि के 2,322 हादसों और 652 मौतों से कम है। हालांकि, घायलों की संख्या 2024 के 2,106 से बढ़कर 2,187 हो गई। इसमें मार्च 2025 सबसे घातक महीना रहा, जिसमें 137 घातक हादसों में 139 लोगों की मौत हुई। अप्रैल में 91 घातक हादसे हुए, लेकिन 476 लोग घायल हुए, जो गाडि़यों के बीच या गाड़ियों के किसी चीज से हाई इंपैक्ट वाले टकरावों का संकेत देते हैं। मई 2025 में 458 हादसे दर्ज किए गए, जिनमें 100 घातक हादसों में 107 मौतें और 458 लोग घायल हुए। पिछले साल मई में 447 हादसे और 125 घातक हादसों में 127 मौतें हुई थीं।

घातक हादसों में आई कमी, घायलों की संख्या में हुआ इजाफा

2025 में घातक हादसों की संख्या 13.5% कम हुई, जो 2024 में 643 से घटकर 556 हो गई। इसके बावजूद, गैर-घातक हादसों की गंभीरता में बदलाव के कारण घायलों की संख्या बढ़ी। मामूली चोटों वाले हादसे 2024 में 1,634 से बढ़कर 2025 में 1,654 हो गए, जबकि बिना किसी चोट वाले हादसे 45 से घटकर 25 रह गए हैं। मई के पहले 15 दिनों में ही 54 घातक हादसों में 56 लोगों की मौत हुई, जो पिछले साल के 71 हादसों और 72 मौतों से कम है।

हाल के दिनों में हुए कुछ सड़क हादसे

जून माह में हाल में हुए कुछ हादसों में 16 जून को दिल्ली के कापसहेड़ा इलाके में एक तेज रफ्तार ट्रक ने ड्यूटी पर जा रहे दिल्ली पुलिस के कांस्टेबल कर्मवीर को टक्कर मार दी, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए। पुलिस ने ट्रक चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इसके अलावा, 15 जून को वसंत कुंज में एक हिट-एंड-रन मामले में 27 वर्षीय मोटरसाइकिल सवार की मौत हो गई। पुलिस ने कार चालक को गिरफ्तार कर लिया है।

पुलिस ने 94.7% मामलों में डीएआर दाखिल की

दिल्ली पुलिस ने 2021 से 2025 (30 अप्रैल तक) के बीच 6,341 घातक हादसों में से 94.7% मामलों में विस्तृत दुर्घटना रिपोर्ट (डीएआर) दाखिल की हैं, जो मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (एमएसीटी) के लिए मुआवजा प्रक्रिया को आसान बनाती हैं। 2025 में 30 अप्रैल तक 298 घातक हादसों के लिए 434 डीएआर दाखिल किए गए, जो पिछले मामलों का समाधान किया गया है।

दिल्ली ट्रैफिक पुलिस द्वारा सड़क सुरक्षा के लिए नई पहल का परिणा

दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के स्पेशल सीपी अजय चौधरी ने कहा कि घातक हादसों में 15% की कमी सड़क सुरक्षा में प्रगति को दर्शाती है। लक्षित प्रवर्तन, जागरूकता अभियान, और ब्लैक स्पॉट्स पर केंद्रित कर चलाए गए जागरूकता अभियानों ने इस दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिए हैं। पुलिस ने सड़क सुरक्षा ऑडिट और नागरिक एजेंसियों के साथ समन्वय बढ़ाया है। इसके अलावा, ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्ती और ब्लैक स्पॉट्स पर सुधार के प्रयास जारी हैं। आने वाले महीनों में और कमी की उम्मीद है।

अभी भी है कई चुनौतियां और आगे की राह

रोड सेफ्टी से जुड़े विशेषज्ञों के अनुसार हादसों में घायलों की बढ़ती संख्या और रोजाना चार मौतें दिल्ली में सड़क सुरक्षा की गंभीर स्थिति को उजागर करती हैं। तेज गति, ड्राइवर की थकान, और ट्रैफिक नियमों की अनदेखी हादसों के प्रमुख कारण हैं। दिल्ली पुलिस और प्रशासन के लिए सड़कों को सुरक्षित बनाने और हादसों को कम करने की चुनौती बरकरार है। नागरिकों से भी अपील की जा रही है कि वे ट्रैफिक नियमों का पालन करें और सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक रहें।

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