सेंट्रल डेस्क : रेडियो सिग्नल से बड़े खतरे का खुलासा हुआ है।भारत-बांग्लादेश सीमा पर सुरक्षा बलों ने संदिग्ध रेडियो सिग्नल (Radio Signals) पकड़े हैं, जिससे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) की साजिश का पर्दाफाश हुआ है। ये संचार अरबी (Arabic), उर्दू (Urdu) और बांग्ला (Bangla) भाषाओं में थे। रिपोर्ट के मुताबिक, आईएसआई रोहिंग्या शरणार्थियों (Rohingya Refugees) को आतंकी गतिविधियों के लिए प्रशिक्षण देने की योजना बना रही है, जिससे भारत की सुरक्षा पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है।
चिकन नेक कॉरिडोर के पास खतरा बढ़ा
सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि संदिग्ध गतिविधियां भारत के लिए रणनीतिक रूप से अहम चिकन नेक कॉरिडोर (Chicken Neck Corridor) के पास देखी गई हैं। यह एक संकरा भूभाग है जो भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को बाकी देश से जोड़ता है। यदि इस मार्ग पर कोई खतरा उत्पन्न होता है तो भारत की पूर्वोत्तर पहुंच पर गंभीर असर पड़ सकता है।
आईएसआई की रणनीति और बांग्लादेश की अस्थिरता का फायदा
2024 में बांग्लादेश में हुए बड़े विरोध प्रदर्शनों के बाद शेख हसीना (Sheikh Hasina) सरकार का पतन हुआ और मोहम्मद यूनुस (Mohammad Yunus) के नेतृत्व में अंतरिम सरकार बनी। यूनुस का झुकाव भारत-विरोधी और पाकिस्तान-समर्थक माना जा रहा है। इस अस्थिरता का फायदा उठाकर आईएसआई बांग्लादेश में अपनी गतिविधियां तेज कर रही है।
सुरक्षा बलों की सतर्कता और बढ़ती निगरानी
संदिग्ध रेडियो सिग्नल पकड़े जाने के बाद भारत-बांग्लादेश सीमा पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। सुरक्षा बलों ने शोणपुर (Shonpur), बशीरहाट (Basirhat), बोंगांव (Bongaon) और दक्षिण 24 परगना (South 24 Parganas) में गहन निगरानी शुरू कर दी है। रात 1 बजे से 3 बजे के बीच पकड़े गए इन सिग्नलों से स्पष्ट होता है कि भारत के खिलाफ कोई बड़ी साजिश रची जा रही है।
पाकिस्तान की बढ़ती मौजूदगी और भारत की चिंता
हाल ही में पाकिस्तानी सेना का दल रंगपुर (Rangpur), चटगांव (Chittagong) और कॉक्स बाजार (Cox’s Bazar) गया था। रंगपुर, चिकन नेक कॉरिडोर के बेहद करीब स्थित है, जिससे भारत की चिंताएं और बढ़ गई हैं। भारत को आशंका है कि इस क्षेत्र में आतंकी शिविर बनाए जा सकते हैं, जिससे पूर्वोत्तर राज्यों में अशांति फैलाने की कोशिश हो सकती है

