RANCHI: सूचना अधिकार कानून (RTI) की 20वीं वर्षगांठ पर कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार करते हुए भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाह देव ने कांग्रेस पर करारा हमला बोला। उन्होंने कहा कि जो लोग आरटीआई कानून की दुहाई दे रहे हैं, उन्होंने ही झारखंड में सूचना आयोग को पिछले साढ़े 5 वर्षों से पंगु बना रखा है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस के सहयोग से चल रही हेमंत सोरेन सरकार ने मुख्य सूचना आयुक्त और अन्य आयुक्तों की नियुक्ति नहीं की, जिससे सूचना आयोग निष्क्रिय बना हुआ है। उन्होंने कहा कि आरटीआई को निष्क्रिय करना इस सरकार की रणनीति है ताकि भ्रष्टाचार की परतें न खुल सकें।
सूचनाएं रोकने का हुआ प्रयास
उन्होंने कांग्रेस पर दोहरा चरित्र अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि आरटीआई कानून लागू करने के बावजूद यूपीए शासन में इस कानून का सबसे ज्यादा दमन हुआ। नेशनल हेराल्ड, चीन से डील, सोनिया गांधी के विदेशी ट्रस्ट जैसे मामलों में जब आरटीआई के जरिए सवाल उठे, तो कांग्रेस नेताओं ने अदालत का सहारा लेकर सूचनाएं रोकने का प्रयास किया।
प्रतुल शाहदेव ने यह भी कहा कि कांग्रेस ने व्हीस्ल ब्लोअर एक्ट तो पारित किया, लेकिन उसे 2014 तक लागू नहीं किया क्योंकि वह पारदर्शिता से डरती रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों की सराहना करते हुए प्रतुल ने कहा कि आज आरटीआई ऑनलाइन पोर्टल, डिजिटल इंडिया, डीबीटी और ई-गवर्नेंस जैसे माध्यमों से जनता को सीधी पहुंच मिली है। मोदी सरकार में फाइलें डिजिटल प्लेटफॉर्म पर जनता की नजर में हैं, जबकि कांग्रेस के शासन में वही फाइलें तिजोरी में बंद रहती थीं। उन्होंने बताया कि डीबीटी के माध्यम से 30 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि सीधे लाभार्थियों के खातों में पहुंची, जिससे बिचौलियों की व्यवस्था खत्म हुई। यह वही पारदर्शिता है जिससे कांग्रेस हमेशा डरती रही है।