RANCHI: राजधानी रांची का दूसरा सबसे बड़ा सरकारी हॉस्पिटल उपलब्धियों को लेकर चर्चा में रहता है। कभी अव्यवस्था के कारण भी हॉस्पिटल की किरकिरी होती है। लेकिन अब यहां पर हार्ट के मरीजों की सर्जरी का रास्ता साफ हो गया है। हॉस्पिटल में कैथलैब बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने टेंडर निकाला है। टेंडर के बाद कैथलैब बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। वहीं दिल के मरीजों की सर्जरी भी अगले साल से शुरू हो जाएगी। हार्ट की बीमारी से जूझ रहे मरीजों को जल्द ही बेहतर और सस्ती इलाज की सुविधा सदर में मिलने वाली है। बता दें कि राज्य सरकार ने रांची सदर हॉस्पिटल में अत्याधुनिक कैथ लैब के निर्माण को पहले ही मंजूरी दे दी है और इसके लिए 8 करोड़ रुपये की राशि भी स्वीकृत है।

एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी भी होगी मरीजों की
कैथ लैब (कैथेटराइजेशन लैब) हार्ट के मरीजों के इलाज के लिए जरूरी एक आधुनिक सुविधा है। जिसमें हार्ट से जुड़ी विभिन्न प्रकार की प्रक्रिया जैसे एंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टी, पेसमेकर इंप्लांट आदि की जाती हैं। अभी तक राजधानी में सरकारी हॉस्पिटल में सिर्फ रिम्स में ही यह सुविधा उपलब्ध थी। जहां अत्याधुनिक कैथ लैब और कार्डियोलॉजी विभाग पहले से कार्यरत है। अब सदर में यह सुविधा शुरू होने से रिम्स पर मरीजों का दबाव कम होगा और मरीजों को इलाज के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
बीपीएल और आयुष्मान लाभुकों को राहत
कैथ लैब के जरिए की जाने वाली जटिल और महंगी सर्जरी भी अब गरीब और जरूरतमंद मरीजों के लिए राहत देगी। कैथ लैब की सेवाएं बीपीएल और आयुष्मान भारत योजना के लाभुकों को बड़ी राहत देगी। वहीं निशुल्क इलाज मिलने की संभावना जताई जा रही है। हालांकि सदर के अधिकारियों का कहना है कि सरकार की ओर से स्पष्ट निर्देश है कि बीपीएल और आयुष्मान कार्ड धारकों को सभी तरह की कार्डियक प्रोसीजर मुफ्त में उपलब्ध कराई जाएंगी। सामान्य मरीजों को भी यह सेवाएं सेंट्रल गवर्नमेंट के द्वारा तय रेट पर उपलब्ध होंगी, जो प्राइवेट हॉस्पिटलों की तुलना में काफी कम होंगी।
रांची को मिलेगा दूसरा सरकारी कैथ लैब
रांची में यह दूसरा सरकारी कैथ लैब होगा। इससे पहले रिम्स में यह सुविधा मौजूद थी, जहां कार्डियोलॉजी और कार्डियोथोरेसिक सर्जरी विभाग भी चल रहा है। रिम्स में मॉड्यूलर ओटी के साथ-साथ एडवांस तकनीक से लैस कैथ लैब वर्षों से कार्यरत है। वहां भी नया कैथलैब बनाने की प्रक्रिया चल रही है। अब सदर को यह सुविधा मिलने से न केवल मरीजों को विकल्प मिलेगा, बल्कि गुणवत्ता वाला इलाज मिलने से मरीजों को कहीं बाहर इलाज के लिए नहीं जाना होगा।
अगले साल की शुरुआत तक सर्जरी
विभाग ने टेंडर जारी कर दिया है। इच्छुक एजेंसियां 24 अक्टूबर तक ई-टेंडर के माध्यम से अपने डॉक्यूमेंट्स जमा कर सकती है। टेंडर की प्रक्रिया पूरी करने के बाद एजेंसी को 60 दिनों में निर्माण कार्य पूरा करना होगा। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि सबकुछ ठीक रहा तो नए साल में मरीजों के दिल की सर्जरी सदर में भी शुरू हो जाएगी। इसके बाद मरीजों को प्राइवेट हॉस्पिटलों के भरोसे नहीं रहना होगा।
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