बोकारो : Sadhvi committed suicide : हाईवे के रास्ते में स्कूल आ रहा था तो पहले तो उसे बचाने के बजाए तोड़ने का आदेश दिया गया। फिर मुआवाजे के बदले रिश्वत मांगी जा रही थी। शिक्षा के लिए जीवन समर्पित करने वाली साध्वी इस बात से इतनी ज्यादा परेशान हुई कि उसने खुद को आग लगा ली। यह मामला बोकारो जिले के पेटरवार का है, जहां साध्वी ने स्कूल के लिए अपनी जान दे दी।
Sadhvi committed suicide : साध्वी ने कमरे में बंद होकर लगा ली आग
बोकारो जिले के पेटरवार प्रखंड के दारिद पंचायत में आनंदमार्ग संस्था द्वारा संचालित स्कूल को हटाने के लिए पहुंची पुलिस और एनएचएआई की टीम के सामने बुजुर्ग आनंदमार्गी महिला ने आत्मदाह कर ली। बुजुर्ग महिला ने अपने आप को स्कूल में बने एक कमरे में बंद कर आग लगा ली। मौके पर मौजूद पुलिस ने स्थानीय लोगों की मदद से किसी तरह से उन्हें दरवाजा तोड़ बाहर निकाला, लेकिन अस्पताल पहुंचते-पहुंचते मौत हो चुकी थी।
Sadhvi committed suicide : स्कूल तोड़ने पहुंची थी पुलिस
वहीं जानकारी के मुताबिक भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत बन रहे जैनामोड़ गोला सड़क निर्माण कार्य को लेकर पेटरवार अंचल अधिकारी, पुलिस फोर्स, एनएचआई और सड़क बनाने वाली कंपनी एनर्जी प्रोजेक्ट के साथ स्कूल भवन को तोड़ने गई थी। इस दौरान स्कूल में मौजूद आनंदमार्गी महिलाओं ने बिना नोटिस दिए स्कूल भवन के तोड़े जाने का विरोध करना शुरू कर दिया।
Sadhvi committed suicide : मुआवजा के लिए 1 वर्ष से लगा रही थी चक्कर
वहीं प्रशासन के सामने बुजुर्ग साध्वी महिला ने दरवाजा बंद कर खुद को आग के हवाले कर लिया। वहीं भूअर्जन विभाग द्वारा इस जमीन के लिए 4 करोड़ रुपये का मुआवजा राशि भी आवंटित किया गया है। लेकिन पिछले एक वर्ष से मुआवजा के लिए डीसी से लेकर दूसरे विभाग के अधिकारियों के चक्कर लगाने के बावजूद मुआवजे की राशि नहीं मिल रही थी। बताया जा रहा है कि भू अर्जन विभाग के अधिकारी द्वारा मुआवजे का 20% रिश्वत मांगा जा रहा था और नहीं देने पर मामले को उलझाए रखा गया। वहीं 90 प्रतिशत जल चुकी महिला को जल्दी-जल्दी पेटरवार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया, जहां डॉक्टरों ने देखते ही महिला को मृत घोषित कर दिया। घटना की सूचना के बाद बेरमो एसडीएम अशोक कुमार और कई थाना क्षेत्र की पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
वहीं बेरमो एसडीएम अशोक कुमार ने बताया कि सड़क निर्माण में मुआवजा राशि देने के लिए प्रशासन दो वर्ष से कोशिश कर रही है, लेकिन मामला दो गुटों के आपसी वर्चस्व की लड़ाई में अब तक उलझा हुआ है। प्रशासन और एनएचएआई की टीम मामला को सुलझाने के लिए गई थी। वहीं स्थानीय प्रशासन ने रिश्वत मांगे जाने से इनकार किया है।