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Promotion Dispute : STF से उसी को डर लगता है जो अपराधी होता है, पल्लवी पटेल ने मंत्री पर साधा निशाना

by Anurag Ranjan
Promotion Dispute
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सेंट्रल डेस्क : उत्तर प्रदेश की सियासत में इस वक्त मंत्री आशीष पटेल और समाजवादी पार्टी की विधायक पल्लवी पटेल के बीच प्रमोशन विवाद को लेकर एक-दूसरे पर लगाए जा रहे आरोप-प्रत्यारोप चर्चा के केंद्र बिंदु में है। अपना दल कमेरावादी की डॉ. पल्लवी पटेल ने रविवार को मंत्री आशीष पटेल के ओएसडी रहे शिक्षक राज बहादुर पटेल के साथ प्रेस वार्ता की। इस दौरान उन्होंने मंत्री पर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि एसटीएफ से उसी को डर लगता है, जो अपराधी होता है। वे आशीष पटेल के उस बयान पर बोल रही थीं, जिसमें आशीष ने कहा था कि अगर राज्य का कोई कैबिनेट मंत्री यूपी एसटीएफ से जान को खतरा बता रहा है, तो इसका कोई आधार जरूर होगा।

आइटम कहने वाले संस्कार की कर रहे बात

पल्लवी ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि निर्वाचित महिला सदस्य के लिए आइटम शब्द का इस्तेमाल करने वाले संस्कारों की बात कैसे कर रहे हैं। क्या घर में वे अपनी मां-बहनों के लिए भी इसी तरह के शब्द इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने कहा कि मंत्री के स्क्रिप्ट राइटर नोएडा में बैठकर घोड़ों की दौड़ में खच्चरों को दौड़ा रहे हैं। इधर, इस पूरे मामले में यूपी प्राविधिक शिक्षा सेवा संघ की भी एंट्री हो गई है। संघ ने आरोप लगाया कि अयोग्य लोग प्रमोशन का विरोध कर रहे हैं।

ओएसडी ने लगाया मंत्री पर आरोप

राज बहादुर पटेल ने कहा कि डीपीसी पर डबल बेंच का स्टे होने के बावजूद अधिकारियों ने नियम विरुद्ध डीपीसी करवाई और मंत्री ने उसको अनुमोदित कर दिया। एक लाख रुपये सैलरी पाने वाले का प्रमोशन कर सवा दो लाख रुपये तक सैलरी दी गई। पटेल ने यह भी कहा कि पांच-पांच बार इसके खिलाफ केंद्र व यूपी सरकार में शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ से डीपीसी को रद्द करने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

पल्लवी पटेल ने मंत्री के ओएसडी रहे राज बहादुर पटेल के बारे में कहा कि ये प्राविधिक शिक्षा विभाग में ओएसडी के पद पर काम कर चुके हैं। नियम विरुद्ध डीपीसी की कार्रवाई शुरू होने से लेकर अब तक ये उसका विरोध कर रहे हैं। विरोध के बाद भी इनकी आवाज नहीं सुने जाने के कारण ही इन्होंने ओएसडी के पद से इस्तीफा तक दे दिया। मौका होने के बाद भी इन्होंने भ्रष्टाचार का हिस्सा होने से इन्कार कर दिया। इस कारण राज बहादुर के परिवार को धमकियां दी जा रही हैं। उन्हें चुप रहने का ऑफर दिया जा रहा है। गौरतलब है कि एक जनवरी को राजबहादुर को कारण बताओ नोटिस देकर उनका तबादला रामपुर कर दिया गया था।

संघ का पलटवार

यूपी प्राविधिक शिक्षा सेवा संघ ने राजकीय पॉलिटेक्निक में 177 प्रवक्ताओं के विभागाध्यक्ष पद पर प्रमोशन से जुड़े उठ रहे सवालों का जवाब दिया। खुद को सरकार से मान्यता प्राप्त बताने वाले इस संगठन के पदाधिकारियों ने प्रमोशन व वेतनमान दोनों को सही बताया है। संघ ने कहा कि जिनकी खुद की ‘योग्यता’ नहीं है, वहीं प्रमोशन के विरोध में लगे हैं।

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