Saraikela (Jharkhand) : झारखंड के सरायकेला स्थित ऐतिहासिक श्री जगन्नाथ मंदिर में गुरुवार को एक अद्भुत दृश्य देखने को मिला. भगवान श्री जगन्नाथ, जो देव स्नान पूर्णिमा के बाद 15 दिनों के शयन काल में चले गए थे, आज स्वस्थ होकर अपने भक्तों को नवयौवन रूप में दर्शन दिए. इस विशेष अवसर को नेत्रोत्सव के रूप में बड़े ही धूमधाम से मनाया गया.
मंदिर में सुबह से ही भक्तों का तांता लगा रहा. विशेष पूजा-अर्चना और पारंपरिक अनुष्ठानों के संपन्न होने के बाद मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए. भगवान के नवयौवन रूप के दर्शन पाकर भक्त भावविभोर हो उठे और मंदिर परिसर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ से खचाखच भर गया.
मान्यता है कि देव स्नान पूर्णिमा के दिन भगवान श्री जगन्नाथ, अपने बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ विशेष अभिषेक (स्नान) करते हैं. इस अभिषेक के बाद, परंपरा के अनुसार, तीनों देवताओं को ज्वर (बीमारी) आ जाता है, जिसके चलते वे अगले 15 दिनों तक विश्राम करते हैं. इस अवधि में मंदिर के पट पूरी तरह से बंद रहते हैं. आज, 15 दिनों के विश्राम के बाद, भगवान जगन्नाथ स्वस्थ होकर अपने भक्तों को एक नए रूप में दर्शन दिए, जिसे नवयौवन दर्शन कहा जाता है.
मंदिर समिति के सदस्यों ने बताया कि रथ यात्रा की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. शुक्रवार को भगवान श्री जगन्नाथ अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ अपनी मौसी के घर, यानी गुंडिचा मंदिर की ओर भव्य रथ पर सवार होकर प्रस्थान करेंगे. इस रथ यात्रा को लेकर सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.
भगवान जगन्नाथ के इस दिव्य दर्शन को लेकर भक्तों में अपार उत्साह देखने को मिला. पूरा मंदिर प्रांगण भक्तिमय गीतों और जयकारों से गूंज उठा, और हर तरफ श्रद्धा और उल्लास का माहौल छाया रहा.