IIT ISM Dhanbad : धनबाद : आईआईटी-आईएसएम में पुरी स्थित गोवर्धन मठ के शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती मंगलवार (23 सितंबर 2025) को आईएसएम (इंडियन स्कूल ऑफ माइंस) के छात्रों को वैदिक गणित का महत्व बताएंगे। इसके लिए शंकराचार्य सोमवार को ही संस्थान परिसर पहुंच गए।
इस दौरान शंकराचार्य की मौजूदगी में नवरात्र की कलश स्थापना पूरे विधि-विधान के साथ कराई गई। दो दिवसीय कार्यक्रम में पहुंचे पुरी के शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती महाराज का आईआईटी-आईएसएम दुर्गापूजा कमेटी ने भव्य स्वागत किया। इस दौरान शंकराचार्य को देखने एवं सुनने के लिए छात्रों व समेत संस्थान के प्रोफेसर व अन्य लोगों की भारी भीड़ उपस्थित हो गई।
मंगलवार को शंकराचार्य ‘जिज्ञासा कार्यक्रम’ को संबोधित करेंगे। वहीं शाम को पेनमेन आडिटोरियम में ‘वैदिक ज्योतिष’ पर व्याख्यान देंगे। शंकराचार्य सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार और सामाजिक मूल्यों के महत्व पर अपना विचार रखेंगे। आईएसएम के छात्रों से गुरुकुल परंपरा के महत्व का उल्लेख भी करेंगे। शंकराचार्य का मानना है कि आज के समय में यह शिक्षा व्यवस्था लगभग समाप्त हो चुकी है। शिक्षा व्यवस्था में सुसंस्कृत, सुशिक्षित, सुरक्षित, समृद्ध, सेवाभावी, स्वस्थ और समाजोपयोगी नागरिक एवं समाज के निर्माण को शामिल रखना चाहिए। राजनीति पर उन्होंने कहा कि राजनीति के नाम पर उन्माद फैलाना उचित नहीं है, बल्कि समाज को सकारात्मक दिशा देना ही उसका असली कार्य होना चाहिए।
यहां बता दें कि वैज्ञानिक भी शंकराचार्य महाराज से मिलने आते हैं। इसरो के अहमदाबाद सेंटर में शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती वैदिक गणित के महत्व पर व्याख्यान दे चुके हैं। ऐसा माना जाता है कि पुरी गोवर्धन मठ के शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती से इसरो के वैज्ञानिकों ने चंद्रयान-2 की 22 जुलाई 2019 को लान्चिंग से पहले जुलाई में ही स्वामी निश्चलानंद सरस्वती से परामर्श लिया था। ऐसा कुछ संदेहों को दूर करने के लिए किया गया था, जिसका समाधान उस समय इसरो के वैज्ञानिकों के पास भी नहीं था।