पॉलिटिकल डेस्क : आगामी लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर अभी से ही पूरे देश राजनीति में कई बड़े बदलाव देखने को मिलने वाले है। एक तरफ G-20 की सफलता के बाद भाजपा व एनडीए उत्साहित है वहीं दूसरी तरफ भाजपा (NDA) के विरोध में विपक्षी दलों गठबंधन (I.N.D.I.A.) उन्हें लोकसभा चुनाव में हराने की योजना में लगा है। इससे भी बड़ी चुनौती भाजपा (NDA) को अपनों से मिल रही है। जो पहले अपने थे वो आज विरोधी बन भाजपा (NDA) को चुनौती दे रहे हैं।
मध्य प्रदेश भाजपा के लिए चुनौती शुरू
आने वाले समय में उन्हें साधने में भाजपा को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। जिसका फायदा विपक्षी दलों को (I.N.D.I.A.) गठबंधन को मिल सकता है। लोकसभा चुनाव 2024 के पहले साल के अंत में मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव होने वाले है। ऐसे में भाजपा को मध्यप्रदेश में बड़ी चुनौती मिल सकती है। क्योंकि इस बार मध्यप्रदेश का विधानसभा का परिणाम आगामी लोकसभा चुनाव लोगों का मूड बता सकता है। हालांकि यह तो समय ही बतायेगा आगे राजनीति किस करवट मुड़ेगी।
RSS के पूर्व प्रचारकों ने बनाई नई पार्टी ‘ जनहित,’ BJP के हिंदुत्व को लग सकता है झटका
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा को एक बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। क्योंकि इस बार मध्य प्रदेश में कुछ अलग राजनीति दिखने के आसार बन रहे हैं। यह आमतौर पर यह देखा जाता है कि भाजपा हिंदुत्व के मुद्दे को लेकर हमेशा ही राजनीति में उतरती है। जिसका उन्हें फायदा भी होता है। ऐसे में भाजपा को एक टक्कर मिलने जा रही है। आरएसएस के पूर्व प्रचारकों को ने एक नई राजनीतिक पार्टी ‘ जनहित’ को लेकर राजनीतिक गलियारों में काफी चर्चा है। कहा जा रहा है कि जनहित पार्टी आगामी मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी और अन्य दलों को हिंदुत्व पर कड़ी चुनौती दे सकती है।
भोपाल में हुआ पार्टी का गठन
इस पार्टी का गठन पिछले दिन 10 सितंबर को भोपाल में हुआ। जानकारी के लिए बता दू कि इस पार्टी का गठन RSS के पूर्व प्रचारक अभय जैन है। 60 वर्षीय अभय जैन ने एक भोपाल में एक प्रेस वार्ता में इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वर्तमान में देश के सारे राजनीतिक दल लोकतंत्र के कसौटी पर खरे नहीं उतर रहे हैं। उनकी राजनीतिक सांस्कृतिक लोकतंत्र को मूल भावना के विपरीत है। उन्होंने कहा कि वे देशहित की राजनीति करना चाहते हैं। जिसमें देश सबसे पहले है। अभय जैन ने कहा कि जनहित पार्टी का गठन का मुख्य उदेश्य देश के लोगों को 100 प्रतिशत हिंदू मूल्यों की रक्षा करने वाला राजनीतिक पार्टी का विकल्प देना है।
जानें, ‘जनहित पार्टी में और कौन लोग है शामिल
देश में हिंदू मूल्यों की रक्षा के विकल्प में बनाई गई नई राजनीतिक पार्टी ‘ जनहित’ में सभी सदस्य RSS के पूर्व प्रचारक से लेकर पदाधिकारी रह चुके हैं। सभी ने संघ के लिए वर्षों तक पूरे देश में अपनी जिम्मेदारी निभाई है। इस पार्टी के गठन में मुख्य रूप से RSS के पूर्व प्रचारक अभय जैन, मनीष काले और विशाल बिंदल है।
जानकारी के लिए बता दें कि अभय जैन ने लंबे समय तक मध्य प्रदेश में रहकर संघ के माध्यम से सेवाएं दी हैं। वे इंदौर के नगर प्रचारक के साथ सिक्किम विभाग के प्रचारक व प्रांत सेवा प्रमुख रह चुके हैं। मध्यप्रदेश के साथ ही पूरे देश भर में लंबे समय तक लोगों को संघ के विचारधारा से जोड़ने का काम किया है। वहीं अगर बात करे मनीष काले की तो वे RSS ( संघ) के मध्यप्रदेश के रीवा में प्रचारक भी रह चुके हैं। वे लंबे समय तक संघ के विचारधारा को ग्वालियर और चंबल क्षेत्र के लोगों तक पहुंचाने का काम किया है। अब वे वहां के लोगों को नई राजनीतिक पार्टी ‘ जनहित’ से जोड़ने का काम कर रहे हैं।
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झारखंड में किया जा रहा पार्टी का विस्तार’
वहीं विशाल बिंदल भी RSS के प्रचारक के रूप में अपनी सेवा दे चुके है। फिलहाल वे अभी झारखंड में रहकर यहां के लोगों को अपनी नई पार्टी ‘ जनहित’ के मुख्य उदेश्य से जोड़ रहे हैं। वे भोपाल सायं बाग में प्रचारक रह चुके हैं। इस पार्टी में संघ के पिछले 40 वर्षो तक सेवा दे चुके डॉ. सुभाष बारोट भी शामिल है। डॉ. सुभाष बारोट लंबे समय से सामाजिक कार्यों से जुड़े है।

