रांची: रांची नगर निगम शहर के लोगों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने का काम करता है। इसके बदले में लोगों से होल्डिंग टैक्स भी लिए जाते हैं। इसके अलावा भी कई और सुविधाएं नगर निगम शहर में लोगों को मुहैया कराता है। आने वाले साल में भी शहर को काफी उम्मीदें रांची नगर निगम से है। अगर सब कुछ ठीक रहा तो 2025 राजधानी का बदला हुआ चेहरा लोगों के सामने होगा। जहां नया वेंडर मार्केट, पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम और बेहतर सफाई देखने को मिलेगी।

वेंडर मार्केट की मिलेगी सौगात
राजधानी रांची को जाम मुक्त बनाने को लेकर नगर निगम रेस हो गया है। नागा बाबा खटाल और कोकर के डिस्टिलरी वेंडर मार्केट के बाद अब मोरहाबादी स्थित मिनी ट्रांसफर स्टेशन के पास वेंडर मार्केट का निर्माण पूरा होने को है। जहां पर मोरहाबादी में कारोबार करने वाले दुकानदारों को बसाने की तैयारी है। जिससे कि मोरहाबादी में रोड पर दुकानें नहीं सजेगी। इतना ही नहीं सड़कें भी जाम मुक्त हो जाएगी। मोरहाबादी मैदान में फिलहाल रोड किनारे सब्जी की दुकानें सज रही हैं। हफ्ते में 2 दिन रोड पर ही बाजार लगता है। जिससे कि जाम की स्थिति बन जाती है।
घंटों तक लोग जाम में फंसे रहते है। मार्केट बन जाने से दुकानों को मार्केट में शिफ्ट कर दिया जाएगा। इससे रोड पर लगने वाला जाम खत्म हो जाएगा। एमटीएस के पास बन रहे इस मार्केट में 198 दुकानदारों के बैठने की व्यवस्था होगी। 4.8 करोड़ की लागत से इस मार्केट का निर्माण कराया जा रहा है। इस बाजार में छत के नीचे दुकानदार रहेंगे। ठंड, गर्मी, बारिश के दिनों में भी बिना किसी परेशानी के वे अपना कारोबार कर सकेंगे। नगर निगम ने वेंडर्स का सर्वे कराया था। मोरहाबादी में लगने वाली दुकानों का सर्वे करने के बाद सभी को एक नंबर दिया गया था। अब दुकानों का आवंटन भी उसी आधार पर लॉटरी के माध्यम से किया जाएगा।
पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम होगा दुरुस्त
राजधानी में पब्लिक ट्रांसपोर्ट को दुरुस्त करने को लेकर निगम ने कमर कस ली है। सबसे बड़ी चुनौती टेंडर फाइनल करने की है। लेकिन नगर निगम इस बार टेंडर फाइनल करने का मूड बना चुका है। इसलिए शर्तों में ढील देते हुए टेंडर का समय जनवरी तक बढ़ा दिया है। जिससे कि इस बार चूक की कोई गुंजाइश न रहें। 2013 में रांची में लो फ्लोर एसी बसें चलाने की योजना बनी थी, लेकिन टेंडर रद्द होने के बाद फाइल आगे नहीं बढ़ सकी।
दो साल पहले सरकार ने 244 नई सिटी बसों की खरीद को मंजूरी दी थी, जिसमें 200 डीजल बसें और 24 एसी इलेक्ट्रिक बसें शामिल थीं। अब इस योजना को तेजी से लागू करने की तैयारी है। जब शहर में सिटी बसों का परिचालन शुरू हो जाएगा तो लोगों को हर पांच मिनट में सिटी बसें उपलब्ध होंगी। इससे लोग अपनी प्राइवेट गाड़ियों का इस्तेमाल कम करेंगे। रोड पर भी गाड़ियों का लोड कम होगा।
नामकुम में बनेगा सीएनडी प्लांट
शहर से निकलने वाले बिल्डिंग वेस्ट मटेरियल के डिस्पोजल को लेकर भी निगम ने तैयारी शुरू कर दी है। नामकुम के घाघरा में सीएनडी प्लांट के लिए जगह चिन्हित है। वहीं टेंडर भी अंतिम प्रक्रिया में है। इसके बाद प्लांट स्थापित किया जाएगा। वहां पर सीएनडी वेस्ट से पेवर ब्लॉक बनाया जाएगा। जिससे कि वेस्ट डिस्पोजल भी होगा। और निगम को भी इससे राजस्व मिलेगा। बता दें कि शहर से हर दिन सैंकड़ों टन बिल्डिंग वेस्ट मैटेरियल निकलता है। अब ये वेस्ट मैटेरियल निगम डिस्पोज करेगा। वहीं घरों से भी बिल्डिंग वेस्ट मटेरियल उठाया जाएगा। इसके लिए निगम भवन मालिकों से चार्ज वसूलेगा।
सफाई एजेंसी पूरे शहर से करेगी कलेक्शन
शहर की सफाई में भी बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। फिलहाल स्वच्छता कॉरपोरेशन एजेंसी को एक जोन के 14 वार्डों में काम सौंपा गया है। आरएफआईडी डिवाइस के इंस्टालेशन का काम भी शुरू कर दिया गया है। इसके बाद 400 गाड़ियों को शहर की सफाई में सड़कों पर उतार दिया जाएगा। नगर निगम ने फिलहाल स्वच्छता कार्पोरेशन को 89 गाड़ियां हैंडओवर की है। जोन वन में काम शुरू किया गया है। धीरे-धीरे नगर निगम एजेंसी को 297 गाड़ियां दे देगा। इसमें छोटी गाड़ियों के अलावा ट्रैक्टर भी शामिल होंगे। इसके अलावा एजेंसी 100 गाड़ी खरीदने जा रही है। ऐसे में कुल 400 गाड़ियों से शहर की सफाई कराई जाएगी। दो नए एमटीएस का निर्माण कराया जाएगा। इसके बाद पूरे शहर में 8 एमटीएस हो जाएंगे।
नई व्यवस्था के तहत शहर में मेटेरियल रिकवरी फैसलिटी(एमआरएफ) सेंटर भी बनाए जाएंगे। इन सेंटरों पर कुछ मशीन होंगे। इसके माध्यम से सूखा कचरा को अलग-अलग श्रेणियों में बांटकर उपयोगी और गैर उपयोगी सामानों को अलग-अलग किया जाएगा।