सिमडेगा: सिमडेगा जिले में स्थित बाल संप्रेक्षण गृह की सुरक्षा व्यवस्था एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है। रविवार रात अंधेरे का लाभ उठाकर हत्या, दुष्कर्म समेत गंभीर आपराधिक मामलों में पकड़े गए 6 नाबालिग संप्रेक्षण गृह की दीवार फांदकर फरार हो गए। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया है।
कौन हैं फरार बच्चे, तीन जिलों से हैं संबंध
पुलिस सूत्रों के अनुसार, फरार हुए नाबालिगों में लातेहार का एक, पश्चिमी सिंहभूम के दो और गुमला जिले के तीन बच्चे शामिल हैं। ये सभी बच्चे अलग-अलग आपराधिक मामलों में न्यायिक हिरासत में थे।
ड्रम का सहारा लेकर दीवार फांदी
जानकारी के मुताबिक, बच्चों ने योजनाबद्ध तरीके से पहले ड्रम रख कर संप्रेक्षण गृह की बाउंड्री वॉल फांदकर भाग निकले। इस घटना की सूचना मिलते ही डीएसपी हेडक्वार्टर और सिमडेगा एसडीपीओ मौके पर पहुंचे और पूरे मामले की जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस की कई टीमें बनाकर जिले के सीमावर्ती इलाकों में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। संभावित ठिकानों पर छापेमारी जारी है।
पहले भी उठ चुके हैं सवाल: एक नाबालिग की मौत बन चुकी है मुद्दा
यह पहली बार नहीं है जब सिमडेगा के इस बाल संप्रेक्षण गृह को लेकर सवाल खड़े हुए हैं। कुछ महीने पहले एक नाबालिग की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। परिजनों ने संस्थान में मारपीट का आरोप लगाया था, जिसके बाद बच्चे की इलाज के दौरान मौत हो गई थी।
अब एक साथ छह बच्चों के फरार हो जाने की घटना ने संस्थान की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासन की जवाबदेही पर बड़ा प्रश्नचिह्न लगा दिया है।
प्रशासन की सतर्कता पर सवाल
लगातार हो रही घटनाओं से साफ है कि बाल संप्रेक्षण गृह में सुरक्षा मानकों का पालन नहीं हो रहा है। जहां एक ओर ऐसे संस्थानों का उद्देश्य सुधार है, वहीं दूसरी ओर इनकी कार्यप्रणाली बच्चों के जीवन और भविष्य को खतरे में डाल रही है।
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