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Bihar: अंतिम संस्कार में शामिल होने गए एक ही परिवार के तीन लोगों की सोन नदी में डूबने से मौत

स्थानीय लोगों का कहना है कि नवारा घाट पर कोई सुरक्षा व्यवस्था नहीं है। न स्नान के लिए सुरक्षित जगह चिन्हित है, न ही कोई चेतावनी बोर्ड या बैरिकेडिंग की व्यवस्था।

by Rakesh Pandey
Son River Drowning
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सासाराम: बिहार के सासाराम जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां सोन नदी में नहाने के दौरान पिता, पुत्र और भतीजे की डूबने से मौत हो गई। यह हादसा नौहट्टा थाना क्षेत्र के नवारा घाट पर शनिवार सुबह उस वक्त हुआ, जब तीनों एक महिला के अंतिम संस्कार में शामिल होने के बाद नदी में स्नान कर रहे थे।

एक ही परिवार के तीन सदस्यों की मौत से गांव में मातम

मृतकों की पहचान काजीपुर गांव निवासी नागेश्वर शर्मा (65), उनके पुत्र रंजन शर्मा (20) और भतीजे रितेश शर्मा (सतेंद्र शर्मा का पुत्र) के रूप में की गई है। तीनों उदय शर्मा की माता के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए नवारा घाट पहुंचे थे। अंतिम संस्कार के बाद वे सोन नदी में स्नान करने के लिए उतरे, जहां यह हादसा हो गया।

Sasaram Son River Drowning Case: कैसे हुआ हादसा?

जानकारी के अनुसार, स्नान के दौरान एक व्यक्ति गहराई में चला गया। उसे बचाने की कोशिश में बाकी दो भी तेज बहाव की चपेट में आ गए। देखते ही देखते तीनों नदी में डूब गए। स्थानीय लोगों और परिजनों में चीख-पुकार मच गई। घटनास्थल पर मौजूद अन्य लोग मदद के लिए दौड़े, लेकिन तब तक तीनों गहरे पानी में समा चुके थे।

Bihar SDRF River Rescue Operation: प्रशासन की त्वरित कार्रवाई

घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस, सीओ और नौहट्टा थाना की टीम मौके पर पहुंची। तुरंत स्थानीय गोताखोरों को बुलाया गया और शवों की तलाश शुरू की गई। तेज बहाव और गहराई को देखते हुए प्रशासन ने स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (SDRF) की टीम को भी बुलाया है ताकि शवों की बरामदगी जल्द से जल्द हो सके।

काजीपुर गांव में छाया मातम, मुआवजे की मांग

एक ही गांव से तीन लोगों की एक साथ मौत की खबर से काजीपुर गांव में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि पीड़ित परिवार को मुआवजा और तत्काल राहत सहायता प्रदान की जाए। जिला प्रशासन द्वारा इस संबंध में प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

Son River Safety Concerns: सुरक्षा की अनदेखी बनी हादसे का कारण?

स्थानीय लोगों का कहना है कि नवारा घाट पर कोई सुरक्षा व्यवस्था नहीं है। न स्नान के लिए सुरक्षित जगह चिन्हित है, न ही कोई चेतावनी बोर्ड या बैरिकेडिंग की व्यवस्था। हर साल सोन नदी में इस तरह की घटनाएं घटती हैं, लेकिन प्रशासनिक स्तर पर स्थायी समाधान नहीं हो सका है।

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