नई दिल्ली : भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरभ गांगुली गुरुवार को एक गंभीर सड़क दुर्घटना का शिकार हो गए। वह बर्दवान में एक कार्यक्रम में शिरकत करने जा रहे थे, जब उनका एक्सीडेंट हुआ। यह घटना दुर्गापुर एक्सप्रेस-वे पर हुई, जहां एक तेज रफ्तार लॉरी (ट्रक) ने गांगुली की कार को जोरदार टक्कर मारी। हालांकि, गांगुली को इस दुर्घटना में कोई चोट नहीं आई और वह पूरी तरह से सुरक्षित हैं।
दुर्घटना का विवरण
सौरभ गांगुली की कार जब दुर्गापुर एक्सप्रेस-वे से गुजर रही थी, तो अचानक तेज रफ्तार लॉरी ने उनकी कार को टक्कर मार दी। इस हादसे के समय गांगुली के ड्राइवर ने तुरंत ब्रेक लगाए, ताकि दुर्घटना से बचा जा सके, लेकिन इसके बाद पीछे से आ रही कई गाड़ियां गांगुली की कार से टकरा गईं। इस टक्कर के कारण उनके काफिले की कुछ गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गईं। लेकिन इस दुर्घटना में गांगुली और उनके साथ किसी को भी चोट नहीं आई।
हादसे के दौरान मौसम की स्थिति
इस सड़क हादसे के समय दुर्गापुर एक्सप्रेस-वे पर भारी बारिश हो रही थी, जो दुर्घटना का एक कारण हो सकती है। बारिश के कारण सड़क पर फिसलन थी, और तेज रफ्तार लॉरी की वजह से गांगुली की कार को टक्कर लग गई। इसके अलावा, जब गांगुली की कार रुक गई, तो उनके काफिले की अन्य गाड़ियां भी एक-दूसरे से टकरा गईं। इस दुर्घटना में कोई गंभीर चोट नहीं आई और गांगुली ने 10 मिनट के बाद फिर से यात्रा शुरू की।
गांगुली का अदम्य साहस
एक्सीडेंट के बाद भी गांगुली ने अपने निर्धारित कार्यक्रम को जारी रखा और कुछ देर इंतजार करने के बाद वह बर्दवान विश्वविद्यालय में आयोजित एक समारोह में शामिल होने के लिए निकल पड़े। इस दौरान उनके काफिले की दो गाड़ियां ज्यादा क्षतिग्रस्त हो गईं, लेकिन गांगुली ने घटना को ज्यादा गंभीरता से न लेते हुए कार्यक्रम में शामिल होने का निर्णय लिया। यह दिखाता है कि गांगुली के भीतर किसी भी स्थिति से निपटने का अदम्य साहस और मानसिक दृढ़ता है।
गांगुली का क्रिकेट कॅरियर
सौरभ गांगुली भारतीय क्रिकेट के सबसे बड़े और आक्रामक कप्तानों में से एक माने जाते हैं। उनकी कप्तानी में भारतीय टीम ने विदेशों में कई महत्वपूर्ण जीत हासिल की। गांगुली की कप्तानी में टीम इंडिया ने 2002 में चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीता और वह भारतीय टीम को 2003 के वर्ल्ड कप के फाइनल तक ले गए। उनका योगदान भारतीय क्रिकेट में हमेशा याद किया जाएगा।
गांगुली के नाम वनडे क्रिकेट में 11,363 रन हैं, जिसमें 22 शतक और 52 अर्धशतक शामिल हैं। टेस्ट क्रिकेट में भी उनका प्रदर्शन शानदार रहा, जिसमें उन्होंने 7000 से ज्यादा रन बनाए। उनका योगदान सिर्फ क्रिकेट में ही नहीं, बल्कि भारतीय क्रिकेट के प्रचार-प्रसार में भी अहम रहा है। वह भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के अध्यक्ष भी रहे हैं।
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