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Srijan Samvad : दादा की तलाश में ऑस्ट्रेलिया गए युवक की दास्तां सुन नम हो गईं आंखें

Srijan Samvad : सृजन संवाद की 153वीं श्रृंखला में भारतीय मूल की अनीता बरार ने सुनाई अपने फिल्म की कहानी

by Birendra Ojha
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जमशेदपुर : सृजन संवाद की 153वीं श्रृंखला में इस बार सुप्रसिद्ध वृत्त चित्र निर्माता अनीता बरार को आमंत्रित किया गया था। अनीता बरार ऑस्ट्रेलिया में रहती हैं और हाल ही में मेलबर्न इंडियन फिल्म फेस्टिवल में उनके द्वारा निर्देशित फिल्म फाइंडिंग ग्रैंडपा को उल्लेखनीय सफलता मिली थी।

अनीता बरार की इस फिल्म में एक ऐसे भारतीय युवक की कहानी है, जो अपनी दादी से किए गए वादे को पूरा करने के लिए,1920 में ऑस्ट्रेलिया गया। वह अपने दादा की तलाश में ऑस्ट्रेलिया जाता है। वहां उसे कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है और लगभग एक दशक लग जाते हैं। दादा ने अपने परिवार से संपर्क क्यों तोड़ लिया था। अंत में क्या वह अपने दादाजी से मिल पाता है कि नहीं, इन सभी सवालों के जवाब देती यह डॉक्यूमेंट्री लाजवाब है।

इस डॉक्यूमेंट्री की खासियत न सिर्फ एक मानवीय संबंधों का ताना-बाना है, बल्कि इस मुद्दे के बहाने ऑस्ट्रेलिया में भारतीयों के इतिहास की जांच-पड़ताल की कोशिश भी है। अभी यह डॉक्यूमेंट्री भारतीय दर्शकों के लिए उपलब्ध नहीं है, पर बातचीत के क्रम में अनीता बरार ने बताया कि शीघ्र ही यह भारतीय दर्शकों के लिए उपलब्ध होगी।

अनीता बरार की यह पहली डॉक्यूमेंट्री नहीं है। इसके पहले भी उन्होंने विभाजन के समय ऑस्ट्रेलिया आ गए भारतीय और पाकिस्तानी परिवारों की वर्तमान स्थिति और आपसी संबंधों पर एक बेहद रोचक फिल्म क्रॉसिंग द लाइन बनाई थी। महिलाओं के प्रति घरेलू हिंसा पर भी वह एक फिल्म बन चुकी है।

कार्यक्रम में करीम सिटी कॉलेज के मास कम्युनिकेशन विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. नेहा तिवारी से ऑनलाइन बातचीत करते हुए अनीता बरार ने बताया कि ऑस्ट्रेलिया में उन्हें सीमित रिसोर्सेज के साथ काम करना पड़ता है, पर अपने देश की आवश्यक और अनमोल कहानियों को पर्दे तक लाना सुखद लगता है।

इनकी भी रही उपस्थिति

कार्यक्रम की शुरुआत में सृजन संवाद की संयोजक डॉ. विजय शर्मा ने अनीता बरार का स्वागत किया। सृजन संवाद की पृष्ठभूमि से तमाम दर्शकों को परिचित कराया। इस कार्यक्रम में गीता दुबे, डॉ. क्षमा त्रिपाठी सहित कई साहित्यकार एवं फिल्मकार जुड़े थे।

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