Jamshedpur : जमशेदपुर के भूईयांडीह इलाके में रहने वाले रोहित कुमार ने अपनी मेहनत और जज्बे से वह कर दिखाया, जो कई लोगों के लिए सपना बनकर ही रह जाता है। आर्थिक तंगी, सीमित संसाधन और पारिवारिक जिम्मेदारियों के बीच रोहित ने नीट 2025 की परीक्षा में 549 अंक प्राप्त कर ऑल इंडिया में 12,484वीं रैंक हासिल की है। उनकी सफलता की कहानी हजारों युवाओं के लिए प्रेरणा है।रोहित के पिता ठेले पर सब्जी बेचते हैं, मां गृहणी हैं और खुद रोहित अपने भाई के साथ मिलकर मोबाइल कवर की दुकान चलाते हैं। उन्होंने सरकारी स्कूल से पढ़ाई की है और कोरोना काल में दसवीं पास करने के बाद मेडिकल स्टोर में काम करना शुरू किया। यहीं से उनके डॉक्टर बनने के सपने ने आकार लिया।
पहले प्रयास में उन्हें 485 अंक मिले लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। फिजिक्सवाला की ‘यकीन 2.0’ बैच में निःशुल्क दाखिला लेकर उन्होंने पढ़ाई शुरू की। हर दिन 14 घंटे तक लोकल लाइब्रेरी में पढ़ाई की। इस दौरान कई मुश्किलें आईं—बीमारी से लेकर परीक्षा वाले दिन हाथ में मधुमक्खी के काटने तक—लेकिन रोहित का हौसला नहीं टूटा।
उनकी मेहनत से प्रभावित होकर फिजिक्सवाला के संस्थापक और सीईओ अलख पांडे खुद जमशेदपुर पहुंचे और उन्हें सम्मानित किया। अलख पांडे ने कहा कि रोहित की कहानी यह साबित करती है कि परिस्थितियां चाहे जैसी भी हों, अगर इच्छाशक्ति हो तो सफलता मिलती ही है।