नई दिल्ली: सोमवार को भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) और अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) के संविधानों को अंतिम रूप देने से संबंधित दो अलग-अलग याचिकाओं की सुनवाई से प्रधान न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना ने खुद को अलग कर लिया। इन याचिकाओं पर पहले दिल्ली उच्च न्यायालय में भी सुनवाई हो चुकी है, जहां CJI खन्ना ने हिस्सा लिया था।
CJI खन्ना का बयान: “मैं पहले ही इन याचिकाओं की सुनवाई कर चुका हूं”
प्रधान न्यायाधीश खन्ना ने कहा कि वह इन मामलों की सुनवाई करने वाली पीठ का हिस्सा नहीं बनेंगे, क्योंकि उन्होंने इससे पहले दिल्ली उच्च न्यायालय में इन याचिकाओं की सुनवाई की थी। इस कारण उन्होंने खुद को सुनवाई से अलग कर लिया। इस मामले की सुनवाई अब न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष 10 फरवरी 2024 को होगी।
मार्च 2024 में फिर होगी सुनवाई
इन याचिकाओं पर आखिरी बार 19 मार्च, 2024 को तत्कालीन CJI डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने सुनवाई की थी। उस समय पीठ ने अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) को न्यायमूर्ति राव द्वारा तैयार किए गए संविधान मसौदे पर अपनी आपत्तियां दर्ज करने की अनुमति दी थी। इसके बाद पीठ ने यह तय किया था कि भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) और AIFF के संविधानों से जुड़े मुद्दों पर अगली सुनवाई के दौरान फैसला लिया जाएगा।