नई दिल्ली: मोदी सरनेम मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की याचिका पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। राहुल गांधी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी को नोटिस जारी किया था। कोर्ट ने कहा था कि इस स्तर पर सीमित प्रश्न यह है कि क्या दोषसिद्धि निलंबित किए जाने योग्य है। मिली जानकारी के अनुसार पूर्णेश मोदी और राहुल गांधी ने सुपीम कोर्ट के समक्ष अपने-अपने जवाब दाखिल कर दिए थे। इसके बाद इस मामले में सुनवाई की तिथि शुक्रवार चार अगस्त तय की गयी थी। ऐसे में सबकी नजरें आज इस अहम मुद्दे की सुनवाई पर होगा।
जानिए क्या है यह मामला
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक स्थित कोलार की एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि ‘कैसे सभी चोरों का उपनाम मोदी है’ इसी को लेकर भाजपा विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि को केस सुरत में दर्ज कराया था। राहुल के खिलाफ आईपीसी की धारा 499 और 500 (मानहानि) के तहत केस दर्ज हुआ था।
इस मामले में अदलतों में अब तक क्या हुआ है
इस मामले की सुनवाई करते हुए 23 मार्च को सुरत की निचली अदालत ने राहुल को दोषी ठहराते हुए दो साल की सजा सुनाई थी। इसके अगले ही दिन राहुल की लोकसभा सदस्यता चली गई थी। राहुल की अपना सरकारी घर भी खाली करना पड़ा था। निचली अदालत के फैसले के खिलाफ राहुल गांधी हाईकोर्ट गए थे। मई में इस याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस प्रच्छक ने उन्हें अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था और निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा था। राहुल गांधी ने हाईकोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में कोर्ट में चुनोती दी है। जिस अपर आज सुनवाई होनी है ।
पूर्णेश मोदी ने हलफनामे में क्या कहा?
राहुल गांधी के खिलाफ आपराधिक मानहानि मामले में शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी ने 31 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किए गए अपने हलफनामे में बताया कि राहुल गांधी ने अपनी सभी चोरों के नाम मोदी उपनाम वाली टिप्पणी पर माफी मांगने के बजाय अहंकार दिखाया है। जो सही नहीं है। राहुल ने अपने लापरवाह और दुर्भावनापूर्ण शब्दों से पूरी तरह से एक निर्दोष वर्ग के लोगों को बदनाम किया है।
ट्रायल कोर्ट के समक्ष सजा सुनाते समय याचिकाकर्ता (राहुल) ने पश्चाताप और खेद व्यक्त करने के बजाय घमंड का परिचय दिया। पूर्णेश ने कहा कि राहुल गांधी ने कई मौकों पर अपनी टिप्पणियों के लिए माफी मांगने से मना कर दिया है। यह उनके अहंकार को दर्शाता है इस लिए राहुल की दोषसिद्धि और सजा को रद्द नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि उन्होंने समुदाय के प्रति अपनी नफरत दिखाते हुए एक निर्वाचित प्रधानमंत्री और मोदी उपनाम वाले सभी व्यक्तियों को बदनाम किया है।
जानिए राहुल ने इसका क्या दिया है जवाब
पूर्णेश मोदी के आरोप पर जवाब देते हुए राहुल गांधी ने अपने हलफनामे में कहा कि उन्हें बिना किसी गलती के माफी मांगने के लिए मजबूर करने के लिए आपराधिक प्रक्रिया का उपयोग करना न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग है। ऐसे में न्यायालय द्वारा इसे स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए। वे अपराध के दोषी नहीं है। जो आरोप लगाए गए हैं व टिकाऊ नहीं है। अगर उन्हें माफी मांगनी होती और समझौता करना होता तो वह बहुत पहले ही ऐसा कर चुके होते।
उन्होंने कहा कि यह मामला असाधारण है, क्योंकि अपराध मामूली है और एक सांसद के तौर पर अयोग्य ठहराए जाने से उन्हें अपूरणीय क्षति हुई है। इसलिए प्रार्थना की जाती है कि उनकी सजा पर रोक लगाई जाए, जिससे वह लोकसभा की चल रही बैठकों और उसके बाद के सत्रों में हिस्सा ले सकें। उन्होंने यह भी दावा किया कि रिकॉर्ड में ‘मोदी’ नाम का कोई समुदाय या समाज नहीं है।