इंफाल : मणिपुर में अवैध हथियारों के समर्पण का अभियान लगातार जारी है और इसके पीछे राज्यपाल अजय कुमार भल्ला की अपील का अहम योगदान है। राज्यपाल ने हथियारों के समर्पण के लिए दी गई समयसीमा को बढ़ा दिया है, जिसके बाद अवैध हथियारों का सरेंडर तेजी से हो रहा है। रविवार को मणिपुर पुलिस ने इस बारे में जानकारी दी कि इंफाल वेस्ट, चुराचांदपुर, इंफाल ईस्ट, विष्णुपुर और तमेंगलोंग जिलों में कुल 42 विभिन्न प्रकार के हथियारों और भारी मात्रा में गोला-बारूद का समर्पण किया गया है। यह घटनाक्रम राज्य में शांति और स्थिरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने शुक्रवार को घोषणा की थी कि पहाड़ी और घाटी दोनों क्षेत्रों के लोग अवैध हथियारों के समर्पण के लिए अतिरिक्त समय चाहते हैं। उनके इस अनुरोध को स्वीकार करते हुए, राज्यपाल ने समर्पण की अंतिम तिथि को बढ़ाकर 6 मार्च, 2025, शाम 4 बजे तक कर दिया। इस फैसले का असर अब दिखने लगा है और लोग हथियारों को स्वेच्छा से समर्पित कर रहे हैं।
पुलिस ने बताया कि विभिन्न जिलों से प्राप्त हथियारों में .303 राइफल, डबल बैरल गन, एसबीबीएल, ग्रेनेड, देसी पिस्टल, बुलेटप्रूफ जैकेट, हेलमेट, वॉकी-टॉकी, मोर्टार बम और अन्य सैन्य उपकरण शामिल हैं। विष्णुपुर जिले के सीडीओ में .303 राइफल, डबल बैरल गन, एसबीबीएल, 36 एचई ग्रेनेड, देसी पिस्टल और बुलेटप्रूफ जैकेट जैसे हथियारों का समर्पण किया गया है। तमेंगलोंग जिले में लोकल मेड एसबीबीएल गन, पंपी गन, वॉकी-टॉकी, आईईडी, लोकल मेड हैंड ग्रेनेड और गोला-बारूद सौंपे गए हैं। इंफाल ईस्ट जिले में 9 मिमी पिस्टल, इंसास राइफल मैगजीन, हैंड ग्रेनेड, वायरलेस सेट, मोर्टार बम और अन्य सैन्य उपकरण पुलिस को सौंप दिए गए हैं।
चुराचांदपुर जिले से भी बड़ी संख्या में हथियारों का समर्पण हुआ है। यहां .303 राइफल, 7.62 मिमी घातक राइफल, 12 बोर राइफल, लोकल आईईडी, बुलेटप्रूफ हेलमेट और जैकेट, ग्रेनेड आदि समर्पित किए गए हैं। इसके अलावा, इंफाल वेस्ट जिले के लमसांग पुलिस स्टेशन में .303 राइफल, एसएलआर राइफल, स्टन शेल, टियर स्मोक शेल, बुलेटप्रूफ हेलमेट और अन्य हथियार सौंपे गए हैं।
राज्य की पुलिस ने जनता से एक बार फिर अपील की है कि जो लोग अवैध हथियारों के साथ रह रहे हैं, वे इन्हें स्वेच्छा से समर्पित करें। पुलिस का मानना है कि अवैध हथियारों का समर्पण राज्य में कानून-व्यवस्था बहाल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और मणिपुर में शांति कायम होगी।
राज्यपाल के प्रयासों से यह संदेश स्पष्ट हो रहा है कि मणिपुर में अब शांति स्थापित करने का एक सुनहरा अवसर है। इसके लिए पुलिस प्रशासन, राज्य सरकार और जनता का सहयोग आवश्यक है। मणिपुर में हिंसा और अस्थिरता के कारणों में अवैध हथियारों का बड़ा हाथ रहा है, और इन्हें समर्पित करने से इस समस्या से निपटने में मदद मिलेगी।
समर्पण की प्रक्रिया में तेजी आने से राज्य में अवैध हथियारों का प्रसार कम होने की उम्मीद है। इस समर्पण अभियान से न सिर्फ मणिपुर में शांति का माहौल बनेगा, बल्कि यह राज्य के नागरिकों के बीच भी एक सकारात्मक संदेश देगा कि जब समुदाय एकजुट होकर काम करता है, तो वह कठिन से कठिन चुनौतियों का सामना कर सकता है।
यह कदम मणिपुर में समाज के हर वर्ग के लिए एक नई दिशा दिखाने जैसा है, जिसमें केवल प्रशासन ही नहीं, बल्कि आम लोग भी शांति और स्थिरता के निर्माण में भागीदार बन रहे हैं।