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ज्ञानवापी ASI सर्वे पर सुप्रीम कोर्ट ने 26 तक लगायी रोक, मस्जिद कमेटी को हाईकोर्ट जाने को कहा

by Rakesh Pandey
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वाराणसी: बनारस जिला अदालत के आदेश के बाद सोमवार से शुरू किए गए ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे पर सुप्रीम कोर्ट ने 26 जुलाई तक रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस दौरान अगर मस्जिद कमेटी चाहे तो वाराणसी कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जा सकती है। वाराणसी की अदालत ने मस्जिद में ASI सर्वे का आदेश दिया था। इसके आलोक में सोमवार को ASI की टीम ने ज्ञानवापी में सर्वे शुरू कर दिया था। इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल वहां पर किसी तरह की खुदाई पर रोक लगा दी। कहा कि हम दोपहर 2 बजे दोबारा इस मामले पर सुनवाई करेंगे। सुबह 11:50 बजे के आसपास ही कोर्ट ने सर्वे पर रोक का आदेश दे दिया।

सुबह शुरू हुआ था सर्वे का काम

सुबह 7 बजे ही भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम ने ज्ञानवापी में पहुंच कर सर्वे शुरू कर दिया था। इस टीम में कुल 30 सदस्यीय शामिल थे। ASI टीम के पास सर्वे के लिए सभी प्रकार की आधुनिक उपकरण उपलब्ध थे। इसके अलावा फावड़ा, झाड़ू भी टीम अपने साथ ले पहुंची थी। मिली जानकारी के अनुसार ASI की टीम पत्थर के टुकड़े, दीवार, नींव और दीवारों की कलाकृतियां, मिट्‌टी और उसका रंग, अवशेष की प्राचीनता के तथ्यों को जुटाने वाली थी। 30 सदस्यीय टीम सर्वे कर रही है। इसमें दिल्ली, पटना और आगरा से ASI के सदस्य शामिल रहे।

सुरक्षा के व्यापक इंतजाम

सर्वे व मुस्लिम पक्ष के विरोध को देखते हुए जिला प्रशासन को अलर्ट पर रखा गया है। ज्ञानवापी मस्जिद के आसपास कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गयी है। पुलिस से लेकर सीआरपीएफ के जवानों तक को कई लेयर में तैनात किया गया है। सर्वे के आस पास किसी दूसरे व्यक्ति के जाने की मनाही है। पुलिस अधिकारियों ने दोनों पक्षों और वकीलों को बुलाया और बात की है। शहर में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी थाना प्रभारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में गश्त लगाने का निर्देश दिया गया है।

मस्जिद कमेटी बोली- सर्वे में शामिल नहीं होंगे

इस सर्वे का जहां हिंदू पक्ष ने स्वागत करते हुए सहयोग की बात कही है। वहीं मुस्लिम पक्ष ने विरोध किया है। अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत किया है । उनकी ओर से कहा गया कि वे निर्धारित समय के अंदर इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपिल दायर करेंगे ।

21 जुलाई को कोर्ट ने सर्वे का दिया था आदेश:

विदित हो कि हिंदू पक्ष ने सर्वे की मांग कोर्ट से की थी। जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने 21 जुलाई को आदेश दिया कि ASI ज्ञानवापी परिसर का सर्वे करे। इसमें कहा गया कि ASI के निदेशक मस्जिद के तीन गुंबदों के नीचे GPR तकनीक से सर्वेक्षण करें और यदि आवश्यक हो तो खुदाई करें। इसके अलावा इमारत के पश्चिमी दीवार के नीचे भी सर्वे कर और खुदाई करने की बात कही गयी। जबकि सभी तहखानों की जमीन के नीचे सर्वे और यदि आवश्यक हो तो खुदाई के अलावा ज्ञानवापी के व्यासजी के तहखाने की भी जांच व सर्वे का आदेश ASI को दिया गया था। कोर्ट ने इस पूरे सर्वे प्रक्रिया की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी कराने की बात कही थी

ज्ञानवापी में स्वास्तिक, त्रिशूल, डमरू और कमल चिह्न मिलने का है दावा:

वाराणसी कोर्ट में सुनवाई के दौरान हिंदू पक्ष के वकील विष्णुशंकर जैन ने कहा था कि ज्ञानवापी मस्जिद में 14 से 16 मई के बीच हुए सर्वे में 2.5 फीट ऊंची गोलाकार शिवलिंग जैसी आकृति के ऊपर अलग से सफेद पत्थर लगा मिला। उस पर कटा हुआ निशान था। उसमें सींक डालने पर 63 सेंटीमीटर गहराई पाई गई। पत्थर की गोलाकार आकृति के बेस का व्यास 4 फीट पाया गया। ज्ञानवापी में कथित फव्वारे में पाइप के लिए जगह ही नहीं थी, जबकि ज्ञानवापी में स्वास्तिक, त्रिशूल, डमरू और कमल जैसे चिह्न मिले। इसके आधार पर ही कोर्ट सर्वे का आदेश दिया था।

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