नई दिल्ली: दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष और आम आदमी पार्टी (AAP) की सांसद स्वाति मालीवाल ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार के बावजूद जश्न मनाने के लिए दिल्ली की निवर्तमान मुख्यमंत्री आतिशी पर जमकर हमला किया। स्वाति मालीवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर आतिशी का एक वीडियो शेयर करते हुए सवाल उठाया कि “यह कैसी बेशर्मी है?” और कहा, “पार्टी हार गई, सारे बड़े नेता हार गए, फिर भी आतिशी जश्न मना रही हैं?”
आतिशी का वीडियो और मालीवाल की प्रतिक्रिया
इस वीडियो में आतिशी अपने समर्थकों के साथ डांस करती दिख रही हैं, जिन्होंने भाजपा के रमेश बिधूड़ी को हराकर कालकाजी विधानसभा सीट पर जीत हासिल की। हालांकि, दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के कई वरिष्ठ नेता जैसे अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, सौरभ भारद्वाज, सोमनाथ भारती और राखी बिड़लान चुनाव हार गए थे। ऐसे में स्वाति मालीवाल ने आतिशी के इस तरह के जश्न को लेकर कड़ी आलोचना की और कहा कि दिल्ली की जनता के बीच जो गुस्सा था, उसे समझते हुए ऐसा व्यवहार करना गलत है।
स्वाति मालीवाल ने अपने ट्वीट में कहा कि क्या आतिशी अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया की हार का जश्न मना रही थीं? दिल्ली में AAP सत्ता से बाहर हो गई है और आतिशी किस बात का जश्न मना रही हैं? मालीवाल ने ये भी आरोप लगाया कि पार्टी के अन्य बड़े नेताओं की हार के बाद आतिशी का जश्न दिल्ली की जनता के साथ धोखा करने जैसा था।
AAP के खिलाफ प्रचार पर मालीवाल की टिप्पणी
स्वाति मालीवाल ने अपने अगले बयान में कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान दिल्ली में लोगों का गुस्सा साफ नजर आ रहा था। उन्होंने कहा, “लोग गुस्से में थे। दिल्ली कूड़ेदान में तब्दील हो गई है। मैंने किसी पार्टी के लिए प्रचार नहीं किया, क्योंकि मेरी प्राथमिकता हमेशा दिल्ली की समस्याओं को लेकर रही है।” मालीवाल ने यह भी आरोप लगाया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आतिशी जैसे नेता प्रेस कॉन्फ्रेंस एसी कमरों में करते हैं, जबकि वह स्वयं जमीन पर काम करती हैं और जनता के साथ सीधे संवाद स्थापित करती हैं।
स्वाति मालीवाल ने एक और महत्वपूर्ण बयान दिया जिसमें उन्होंने कहा कि AAP और केजरीवाल के लिए वह सिर्फ एक कार्यकर्ता नहीं हैं। उन्होंने कहा, “AAP केजरीवाल की जागीर नहीं है, मैंने भी इस पार्टी को 12 साल दिए हैं। अगर किसी नेता को अपनी पार्टी के साथ अपने रिश्तों को लेकर यह एहसास हो तो शायद वह सही तरीके से राजनीति कर सकता है।” उनका इशारा था कि पार्टी में उनकी भूमिका को नजरअंदाज किया जा रहा है, जबकि उन्होंने पार्टी के लिए काफी संघर्ष किया है और अपनी मेहनत से ही पार्टी को इस स्तर तक पहुंचाया है।
स्वाति मालीवाल का यह बयान दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद की राजनीति में एक नया मोड़ प्रस्तुत करता है। वह पार्टी के भीतर एक प्रमुख आवाज बनकर उभरी हैं और उनके इस तरह के तीखे बयान यह संकेत देते हैं कि पार्टी के भीतर कुछ असंतोष भी है। मालीवाल का कहना है कि जब पार्टी के प्रमुख नेता चुनाव हार रहे थे, तो उन्हें इस हार के माहौल में जश्न नहीं मनाना चाहिए था। उन्होंने दिल्ली की जनता के गुस्से को सही ठहराते हुए यह भी कहा कि नेताओं को जनता के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।